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अन्तर्राष्ट्रीय

लीबिया : दोहरे कार बम विस्फोट में 27 की मौत

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त्रिपोली, 24 जनवरी (आईएएनएस)| लीबिया के बेंगाजी शहर में एक मस्जिद के पास हुए दोहरे कार बम विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है।

‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट मंगलवार रात हुए। दोनों विस्फोट महज कुछ मिनटों के अंतर पर हुए।

पहला विस्फोट अल-स्लेमानी इलाके की मस्जिद के सामने उस समय हुआ जब नमाज के बाद लोग मस्जिद से बाहर आ रहे थे। चिकित्सक व स्थानीय निवासी जैसे ही घायलों की मदद के लिए आए उसी स्थान पर दूसरा विस्फोट हो गया।

इस हमले में एक सैन्य अधिकारी की भी मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 32 लोग घायल हैं।

फिलहाल इस हमले की किसी आतंकवादी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएसएमआईएल) ने हमले की निंदा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में कहा, यूएनएसएमआईएल बेंगाजी में हुए इस भयावह हमले की निंदा करता है जिसमें नागरिकों सहित कई लोग मारे गए।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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