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मनोरंजन

लीजा की योजना पर तूफान ने फेरा पानी

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 भारतवंशी कनाडाई अभिनेत्री लीजा रे ने ‘कसूर’ और ‘वाटर’ जैसी फिल्मों से हिंदी सिनेजगत में एक खास मुकाम बनाया है। वह शनिवार को 42 साल की हो गईं। उनकी फिलीपींस में एक निजी रिसोर्ट में जन्मदिन मनाने की इच्छा थी, लेकिन वहां आए मयसक तूफान ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया। लीजा अब अपना जन्मदिन हांगकांग स्थित रिट्ज कार्लटन स्पा में मना रही हैं।

वह फिलीपींस के बोराके में एक निजी द्वीप रिसोर्ट में अपने पति जेसन देहनी और दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने की इच्छुक थीं।

लीजा ने एक बयान में कहा, “दुख की बात है कि हमें बोराके, फिलीपींस में मयसक तूफान आने की वजह से जन्मदिन मनाने की अपनी योजना रद्द करनी पड़ी। मैं अपने पति के साथ हांगकांग के रिट्ज कार्लटन स्पा में समय बिता रही हूं। मैं भारत रवाना होने से पूर्व एक शांत लेकिन मजेदार दिन को लेकर उत्साहित हूं।”

 

मनोरंजन

नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट

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मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।

इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’

उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’

 

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