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रोडवेज बसों के चालकों-परिचालकों की होगी कॉउंसलिंग, पूरे प्रदेश में खोले जाएंगे ड्राइवर ट्रेनिंग एवं कॉउंसलिंग सेंटर

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लखनऊ। योगी सरकार यूपी रोडवेज की बसों से सफर करने वाले यात्रियों को न सिर्फ सुविधाजनक यात्रा कराने के प्रबंध कर रही है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में सरकार ने ड्राइवर ट्रेनिंग एवं कॉउंसलिंग सेंटर खोले जाने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत गोरखपुर में पहला सेंटर खोल भी दिया गया है और जल्द ही पूरे प्रदेश में ऐसे सेंटर संचालित किए जाने की योजना है। इन सेंटर्स को खोलने का उद्देश्य चालकों को न सिर्फ सुरक्षित ड्राइविंग के प्रति प्रेरित और प्रशिक्षित करना है, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति का आंकलन कर कॉउंसलिंग के माध्यम से उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना भी है।

परिचालकों को भी दी जाएगी ट्रेनिंग

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने पूरे प्रदेश में ऐसे सेंटर्स की शुरुआत करने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत गोरखपुर से हुई है। क्षेत्रीय कार्यशाला गोरखपुर क्षेत्र द्वारा पहले चालक ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड कॉउंसलिंग सेंटर की स्थापना की गई है। इस सेंटर में क्षेत्र के रोडवेज
चालकों को चिन्हित करते हुए उन्हें दुर्घटनारहित, नियंत्रित वाहन चलाने, रखरखाव एवं व्यवहारिकता इत्यादि की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इसके अलावा परिचालकों को भी व्यवहारिक परामर्श/प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त रोडवेज के तकनीकी कर्मचारियों को वाहन निर्माता कंपनियों के माध्यम से सभी प्रकार की बसों की रिपेयरिंग की ट्रेनिंग एक ही केंद्र पर दी जा सकेगी।

सुरक्षित यात्रा है प्राथमिकता

गोरखपुर के अलावा पूरे यूपी में इस तरह के सेंटर्स जल्द खोले जाने की योजना है। यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार रोडवेज की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा के साथ सुरक्षित उसके लक्ष्य तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यात्रियों समेत तमाम तरह के फीडबैक के आधार पर हम चालकों को चिन्हित करते हुए उन्हें ट्रेनिंग सेंटर में न सिर्फ तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं बल्कि उनकी कॉउंसलिंग के माध्यम से उन्हें मानसिक स्तर पर भी सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जल्द ही पूरे प्रदेश में इस तरह के ट्रेनिंग सेंटर खोलकर व्यापक स्तर पर चालकों व परिचालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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संजय सिंह ने एग्जिट पोल को बताया बेबुनियाद, बंद कराने की उठाई मांग

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एग्जिट पोल्स को बंद कराने की मांग भी की है। उनका कहना है कि ये एग्जिट पोल बेबुनियाद होते हैं। इसके लिए उन्होंने कई तर्क भी दिए। उन्होंने कहा कि जहां जितनी सीटें नहीं, उतनी सीटों पर चुनाव लड़वा रहे। कहीं भाजपा को दे रहे कुल वोट से ज्यादा शेयर तो कहीं उस पार्टी को चुनाव लड़वा दिया, जिसने उम्मीदवार ही नहीं उतारे।

उन्होंने कहा कि झारखंड में सीपीआईएम चुनाव ही नही लड़ रही है और उसे 2 से 3 सीट दे रहे हैं। तमिलनाडु में कांग्रेस खुद 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और एक्जिट पोल कांग्रेस को 13 सीट जीता रहे हैं। तमिलनाडु को बीजेपी को 34% वोट शेयर मिला है। बीजेपी खुद इस पर विश्वास नहीं कर रही। उत्तराखंड में कुल सीट 5 हैं, लेकिन बीजेपी 6 सीटों पर जीत रही है। हिमाचल में मतगणना होगी 4 सीट पर और आएंगी 6 सीट।

संजय सिंह ने कहा “राजस्थान 25 सीट पर नतीजे आएंगे और 33 सीटें मिल जाएंगी। यूपी में एनडीए की सीटें बढ़ गईं, इंडिया गठबंधन की घट गईं। केरल में 27 % वोट शेयर बीजेपी सुन कर बेहोश हो गई। ये कौन सा एक्जिट पोल है। एक्जिट पोल के इतिहास पर भी सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में एक्जिट पोल ने बीजेपी को जिता दिया था। बंगाल विधानसभा में बीजेपी को जिता दिया था, जबकि नतीजे इसके उलट रहे थे।

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