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हेल्थ

रजोनिवृत्ति में हड्डियों की जांच फ्रैक्चर दूर रखने में मददगार

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में हड्डियों की जांच फ्रैक्चर

न्यूयार्क | महिलाओं में हड्डियों की कमजोरी का 30 साल की आयु से पहले या फिर रजोनिवृत्ति के चरण के दौरान ही पता लगा लिया जाए तो इससे फ्रैक्चर की समस्या से बचा जा सकता है।

बोन फ्रैजिलिटी (हड्डियों की कमजोरी) एक गंभीर स्थिति है, जो महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ प्रभावित करती है। इसके कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है।

वर्तमान में इस रोग की पहचान 65 वर्ष के आसपास की जाती है और तब तक शरीर पर्याप्त हड्डियों का घनत्व और ताकत खो चुका होता है।

अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक कार्ल जेप्सन ने बताया, “हड्डियों की कमजोरी को एक गंभीर रोग माना गया है।”

शोध के निष्कर्षो से पता चला कि रजोनिवृत्ति के दौरान कुछ महिलाओं के कूल्हे की हड्डियों की ताकत बढ़ी जबकि कुछ महिलाओं की कम हुई।

जेप्सन ने कहा, “इस अध्ययन से पहली बार यह सामने आया है कि हम रजोनिवृत्ति के दौरान निजी तौर पर महिलाओं की हड्डियों में हो रहे परिवर्तनों की जांच कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “हड्डियां लगातार खुद की मरम्मत करती रहती हैं लेकिन उम्र के साथ और रजोनिवृत्ति के दौरान हड्डियों की ताकत काफी कम हो जाती है।”

उन्होंने बताया कि इस शोध ने हमें यह भी समझने में मदद की है कि यह प्रक्रिया किस तरह से महिलाओं के बीच अलग हो सकती है।

इस शोध को ‘जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

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benefits of eating radish daily in summer

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नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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