प्रादेशिक
योगी सरकार का दूसरा दिन, अवैध बूचड़खानों पर ताबड़तोड़ छापे
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई तेज हो गई है। सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर लगाम की बात कही थी। सीएम के आदेश पर प्रदेशभर में प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है। अलग-अलग शहरों से कार्रवाई को लेकर जानकारियां मिल रही हैं। गाजियाबाद भी इससे अछूता नहीं है। पुलिस प्रशासन ने यहां भी अवैध स्लॉटर हाउस और मीट शॉप पर कार्रवाई तेज कर दी है।
गाजियाबाद प्रशासन ने एक अवैध बूचड़खाने और दर्जनों गैर-कानूनी मीट शॉप पर छापेमारी करते हुए उन्हें बंद कराया। प्रशासन की ओर से अधिकारियों की खास टीम इस मामले में लगाई गई है। इससे पहले वाराणसी में भी प्रशासन ने एक स्लॉटर हाउस पर कार्रवाई करते हुए उसे सीज किया। वहीं एक दिन पहले इलाहाबाद में दो स्लॉटर हाउस को बंद कराया गया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अवैध स्लॉटर हाउस का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। पार्टी की ओर से जारी घोषणा-पत्र में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। अब यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही इसका असर नजर आ रहा है। गाजियाबाद के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (सदर) अतुल कुमार ने बताया कि काईला भट्टा में एक स्लॉटर हाउस को सील किया गया। ऐसे ही एक कार्रवाई डासना गेट इलाके में भी की गई।
यहां अवैध रुप से चल रहे 10 मीट शॉप को बंद किया गया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक चार इकाइयों को गाजियाबाद में जबकि हापुड़ में एक इकाई को आदेश दिया गया है। अधिकारी के मुताबिक गाजियाबाद की चारों इकाइयों को डासना में काम करने की आदेश है। इसके अलावा शहर के किसी भी इलाके में चल रही इकाइयां गैर कानूनी हो सकती हैं।
प्रादेशिक
गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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