अन्तर्राष्ट्रीय
यात्रा के अंतिम पड़ाव पर ताजिकिस्तान पहुंचे पीएम मोदी
दुशांबे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक से रवाना हुए और मध्य एशिया के दौरे के आखिरी पड़ाव ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे पहुंच गए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, “मध्य एशिया के व्यस्त कार्यक्रम का आखिरी पड़ाव ताजिकिस्तान पहुंचे। ताजिकिस्तान में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत प्रधानमंत्री रसूलजोदा ने दुशांबे में किया।”
तजाकिस्तान पहुंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि वे वहां पर किए गए स्वागत से अभिभूत हैं और उसके लिए उन्होंने ताजिकिस्तान के पीएम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के बाद भारत और ताजिकिस्तान के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहता हूं।
इससे पहले किर्गिस्तान से मोदी के रवाना होने के दौरान विकास स्वरूप ने ट्वीट किया था, “गुडबाय बिश्केक! प्रधानमंत्री अपने मध्य एशिया दौरे के अंतिम पड़ाव के लिए किर्गिस्तान से रवाना।” मोदी ने उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूस में ब्रिक्स और एससीओ शिखर सम्मेलनों के लिए उफा, तुर्कमेनिस्तान और किर्गिस्तान का दौरा किया। वह सोमवार को ताजिकिस्तान से स्वदेश वापस लौटेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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