प्रादेशिक
याकूब मेमन को फांसी पर कश्मीर में प्रदर्शन
श्रीनगर| कश्मीर में एक निर्दलीय विधायक ने गुरुवार को मुंबई में 1993 में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने की निंदा करते हुए कहा कि इससे ‘सांप्रदायिक भेदभाव’ की बू आती है। निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने कहा, “भारत सरकार और न्यायपालिका ने याकूब को दोषी ठहराने और फांसी देने को लेकर जिस तरह की जल्दबाजी दिखाई, वह एक विशेष समुदाय से संबंधित मामले के निपटारे में सांप्रदायिक भेदभाव को दर्शाता है।”
उन्होंने कहा, “ऐसी जल्दबाजी मुसलमानों के जनसंहार से संबंधित किसी भी मामले में देखने को नहीं मिली।”राशिद ने श्रीनगर शहर के मध्य लाल चौक में प्रदर्शन रैली आयोजित की और शहर के वाणिज्यिक केंद्र के क्लॉक टावर के नजदीक सांकेतिक धरना दिया, जिसके बाद पुलिस ने राशिद और उनके करीब 25 समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इस बीच, 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को 2013 में दी गई फांसी के विरोध में भी नारेबाजी की गई। विधायक ने कहा, “हम दिल्ली से यह पूछना चाहते हैं, अब किस मुसलमान को फांसी दी जाएगी? तीन सालों में जिन तीन लोगों को फांसी दी गई, सभी मुसलमान हैं। हिंदू कट्टरपंथी संगठनों के लोगों के किसी मामले में शामिल रहने पर कानून क्यों झुक जाता है?”
उन्होंने कहा कि यह अजीब बात है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस और मुसलमानों के खिलाफ किए जाने वाली हिंसा में शामिल लोगों को खुला छोड़ दिया जाता है और उन्हें देश में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता है।उन्होंने कहा, “अगर मुसलमानों को इस तरह निशाना बनाना जारी रहा, तो देश में सांप्रदायिक बंटवारा पैदा होगा।”
प्रादेशिक
गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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