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अन्तर्राष्ट्रीय

यहां दिखा पाकिस्‍तान की झांकी में तिरंगा संग लाल किला

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पाकिस्‍तान, तिरंगा संग लाल किला, शालीमार गार्डेन, भारत

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बीजिंग।शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की ओर से अपने बीजिंग मुख्यालय में आयोजित स्वागत समारोह में आयोजकों को महज एक चूक की वजह से बेहद शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।

पाकिस्‍तान, तिरंगा संग लाल किला, शालीमार गार्डेन, भारत

कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान की झांकी में लाहौर के शालीमार गार्डेन के तौर पर तिरंगे के साथ भारत का लाल किला दिखा दिया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब दोनों देशों के के लिए एससीओ में शामिल होने पर विशेष स्वागत समारोह रखा गया था।

बता दें कि भारत और पाक के एससीओ में प्रवेश को रेखांकित करने के लिए इस स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था। भारतीय राजनायिकों ने इस पर आपत्ति जताई और पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी इसे गलती बताया।

इस कार्यक्रम चीन के विदेश मंत्री वांग यी, चीन में नियुक्त भारतीय दूत विजय गोखले के साथ पाकिस्तान के राजदूतूमसूद खालिद एससीओ के महासचिव राशिद अलिमोव और अन्य सदस्य भी शामिल रहे।

गौरतलब है कि लाहौर में शालीमार गार्डन का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने 16 वीं शताब्दी में जबकि लाल किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में दिल्ली में कराया था।

बता दें कि रंगारंग कार्यक्रम में तिरंगा झंडा के साथ लाल किला को लाहौर के शालीमार गार्डेन के तौर पर पाकिस्तान की झांकी में दिखाया गया। वहीं, एससीओ अधिकारी इस गफलत को लेकर क्षमाप्रार्थी थे। उन्होंने कहा कि वे तस्वीरों की जांच करने में नाकाम रहे क्योंकि यह भारत और पाक की भागीदारी वाला पहला कार्यक्रम था।

पूर्णकालिक सदस्य बने हैं भारत– पाकिस्तान
भारत, ईरान और पाकिस्तान को 2005 में अस्ताना में हुए सम्मेलन में पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किया गया था। इस वर्ष ही दोनों देशों को अस्ताना में हुए वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान पूर्ण कालिक सदस्य बनाया गया। यह कार्यक्रम बीते सप्ताह ही समाप्त हुआ है। इस तरह अब एससीओ के सदस्यों की संख्या आठ हो गई है। इस समूह में अब चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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