अन्तर्राष्ट्रीय
यमन मुद्दे पर सऊदी अरब का समर्थन करेगा पाकिस्तान : नवाज
इस्लामाबाद | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यमन में व्याप्त संकट की स्थिति में सऊदी अरब को मदद का एक बार फिर आश्वासन दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से शुक्रवार को जारी एक बयान के मुताबिक, गुरुवार को सेना प्रमुख राहिल शरीफ के साथ सऊदी अरब की यात्रा पर गए नवाज शरीफ ने मध्य पूर्व में क्षेत्रीय शांति को खतरे पर गहरी चिंता जताई और उन्होंने जोर दिया कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि क्षेत्र आतंकवादी समूहों व अन्य अराजकतावादी तत्वों के कारण अस्थिर न हो।
बयान में कहा गया, “पाकिस्तान व सऊदी अरब इस बात से सहमत है कि यह खतरनाक व अस्वीकार्य परंपरा मध्यपूर्व को अस्थिर कर देगा और आतंकवादियों को हर जगह हिंसा के माध्यम से सरकार को चुनौती देने को उत्साहित करेगा।” बयान के मुताबिक, पाकिस्तान ने सऊदी अरब से यह स्पष्ट किया कि ऐसी परंपरा से लड़ना केवल सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन की ही जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समस्त अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की है।
यमन में बड़े इलाके पर कब्जा कर चुके शिया हौती समूह से मुकाबले के लिए सऊदी अरब ने पाकिस्तान से लड़ाकू विमान, युद्धपोत व पैदल सेना की मांग की थी। हालांकि देश की संसद ने सरकार से इस मामले में तटस्थ रहने को कहा था। सऊदी अरब के नेताओं से बातचीत में सेना प्रमुख के अलावा, शरीफ के साथ रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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