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अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों की परिभाषा बदली : राजदूत

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वाशिंगटन। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत के त्वरित बदलाव की और उद्देश्यपूर्ण कूटनीति की बुनियाद रखी, जिसके कारण अमेरिका के साथ भारत के संबंधों की नई परिभाषा सामने आई। यह बात अमेरिका में भारतीय राजदूत अरुण कुमार सिंह ने कही।

उन्होंने मंगलवार को न्यूयार्क में एशिया सोशायटी को संबोधित करते हुए कहा कि हम जहां भारत की नई सरकार के एक साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, वहीं व्यवसाय की दिशा में हो रहे बदलाव तथा आशीर्वाद के रूप में इसे देखना कठिन नहीं है। सिंह ने ‘इंडिया अंडर मोदी : वन ईयर इन’ विषय पर चर्चा के दौरान कहा, “बेशक अभी काफी कुछ आना बाकी है और मुझे भरोसा है कि हर गुजरते साल के साथ हम नई प्रगति करेंगे।” उन्होंने कहा, “पिछले साल अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में बदलाव हुआ है।”

सिंह ने कहा, “अमेरिका ने इस लक्ष्य को समझते हुए कि हमारी सरकार देश में सुधार को तैयार है, और इसलिए अमेरिका ने भारत के साथ समझौता करने की जल्दबाजी दिखाई, इसके परिणामस्वरूप हमारे संबंध का भाव नई प्राप्त ऊर्जा और आशावाद में दिखना शुरू हुआ है।” उन्होंने कहा कि मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बेहतर निजी संबंधों ने हमारे संबंधों को मजबूत राजनीतिक आधार दिया है। ओबामा अपने कार्यकाल में भारत का दो बार दौरा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, वहीं मोदी की पिछले सितंबर में अमेरिका यात्रा ने हमारे संबंधों से जुड़े कई हितधारकों के साथ उच्चस्तरीय आदान-प्रदान का मौका दिलाया।

सिंह ने कहा कि मोदी ने उद्यमों और उच्चस्तरीय भारतीय समुदाय को पूरी भूमिका देकर अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में विस्तार दिया है। उन्होंने कहा, “पिछले चार महीने में अमेरिका के साथ दो शिखर बैठकों में सरकार ने परमाणु जवाबदेही, रक्षा क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार करने, आíथक सहयोग पर अमेरिका के साथ मतभेद दूर करने और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट तथा जलवायु परिवर्तन की दिशा में व्यावहारिक राह तलाशने पर ध्यान दिया।” सिंह ने कहा, “कुछ मजबूत पहल की गई और दो शिखर सम्मेलनों ने नए मील के पत्थर तैयार किए, नई उम्मीदें और नया उत्साह पैदा किए। हमारे नेताओं के दृष्टिकोण लागू करने में अच्छी प्रगति हुई है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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