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मनोरंजन

मेलबर्न भारतीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित हुई ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’

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मुंबई, 11 अगस्त (आईएएनएस)| इंडियन फिल्म फेस्टिवल आफ मेलबर्न (आईएफएफएम) 2017 की शुरुआत अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ से हुई, जिसका उद्देश्य भारतीय सिनेमा की विविधता को दर्शाना है। आईएफएफएम संस्थापक मीतू भौमिक ने शुक्रवार को यहां अपने बयान में कहा, लिपस्टिक अंडर माई बुर्का के आस्ट्रेलियाई प्रीमियर की मेजबानी करना वास्तव में सुखद रहा। दर्शक फिल्म को देखकर रोमांचित थे जो भारत में पिछले कुछ सालों में महिला केंद्रित फिल्मों के आकार लेने को दर्शाता है।

भौमिक ने बताया कि महोत्सव के उद्घाटन की रात कोंकना सेन शर्मा और अलंकृता ने उत्सुक दर्शकों के सवालों के जवाब भी दिए।

इस महोत्सव का आगाज गुरुवार को हुआ, जिसमें प्रेरणादायक कहानियों और अनुभवों पर आधारित फिल्में दिखाई जाएंगी।

महोत्सव के आयोजकों के अनुसार, इसमें भारत की 20 भाषाओं की 60 से ज्यादा फिल्में दिखाई जाएंगी।

मेलबर्न में फेडरेशन स्कवायर पर अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन तिरंगा फहराएंगी। उन्हें विश्व सिनेमा में योगदान देने के लिए सम्मानित भी किया जाएगा।

महोत्सव में फिल्म जगत के करण जौहर, सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव, आदिल हुसैन, मलाइका अरोड़ा, नितेश तिवारी और विक्रम फड़नीस जैसी हस्तियां भाग ले रही हैं।

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प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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