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मृत व्यक्ति को सुनाई थी 7 साल सजा, सुप्रीम कोर्ट ने 7 महीने बाद मानी गलती

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे शख्स को रेप केस में सात साल जेल की सजा सुना दी, जिसकी मौत तीन साल पहले ही हो चुकी है। कोर्ट को भी अपनी भूल का अहसास सात महीने के बाद हुआ। सोमवार को जब यह जानकारी कोर्ट को मिली तो उसने गलती मानते हुए फैसला वापस ले लिया। कानून के मुताबिक, मर चुके आदमी पर कोई कानून लागू नहीं किया जा सकता।

इस वर्ष 10 अप्रैल को रेप के एक मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को सात साल की कैद की सजा सुनाई। लेकिन, इसी सप्ताह सोमवार को जानकारी मिली की दोषी की मौत सन 2012 में ही हो चुकी है। पुलिस के अनुसार दोषी की हत्या उसी के भाई ने कर दी थी।

दोषी व्यक्ति मूक-बधिर था और उसने एक नाबालिग के साथ वर्ष 2006 में रेप किया था लेकिन, सत्र न्यायालय ने उसे सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और आरोपी को नोटिस भी भेजा। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इसी साल 10 अप्रैल को सजा सुनाई थी। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी का आदेश लेकर पुलिस उसके गांव पहुंची थी। गांव में उसकी पत्नी मिली जिसने बताया कि दोषी की हत्या हो चुकी है। फिर पुलिस अदालत को इस बारे में सूचना दी।

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पश्चिम बंगाल के मथुरापुर में बोले पीएम मोदी- TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं

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कोलकाता। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पश्चिम बंगाल के मथुरापुर पहुंचे। जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के निशाने पर टीएमसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही हैं। उन्होंने कहा है कि टीएमसी पूरी तरह बौखलाई हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि 2024 का ये लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग है, अद्भुत है. ये चुनाव खुद आगे बढ़कर देश की जनता लड़ रही है क्योंकि, उसी जनता ने 10 साल की विकास यात्रा भी देखी है और 60 वर्षों की दुर्गति भी देखी है. देश के करोड़ों गरीब जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे. भारत जैसे देश में भुखमरी की खबरें आम होती थीं. करोड़ों लोगों के सिर पर छत नहीं थी. महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर थीं. पीने के लिए पानी नहीं था. 18 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं थी. उद्योगों के लिए संभावनाएं भी नहीं थीं. सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये भी था कि सुधार के लिए चर्चा भी नहीं होती थी.

उन्होंने कहा कि TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं. बीजेपी से बंगाल के लोगों का प्यार टीएमसी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिए टीएमसी बुरी तरह बौखलाई हुई है. अब टीएमसी के पास मोदी की पहल में बाधा डालना ही एकमात्र हथियार बचा है. महिला हेल्पलाइन केंद्रों से लेकर आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा उपचार तक, टीएमसी इस क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करती है. बंगाल के लोग टीएमसी के घिनौने इरादों की कीमत चुका रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीएमसी की जिद का बहुत बड़ा नुकसान इस क्षेत्र के लाखों मछुआरों को हो रहा है. केंद्र सरकार मछुआरे भाई-बहनों के लिए इतनी सारी योजनाएं चला रही है. हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी, पीएम मत्स्य संपदा योजना शुरू की, जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया गया, लेकिन यहां भी टीएमसी सरकार का वही रवैया रहा कि हम ये होने नहीं देंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी बंगाल की पहचान को खत्म करने में लगी है. ये बंगाल के मठों को, साधु संतों तक को नहीं छोड़ रहे. ये पार्टी इस्कॉन, रामकृष्ण मठ और भारत सेवाश्रम जैसी संस्थाओं को गाली दे रही है. इनके गुंडे मठों पर हमला कर रहे हैं.

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