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‘मुस्लिम होने की वजह से मुझे फ्लैट से निकाला’

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मुंबई। महानगर में लगभग 5 साल से रह रही मॉडल मिस्बाह कादरी ने आरोप लगाया है कि उन्हें मुस्लिम होने की वजह से घर नहीं दिया जाता या उन्हें घर से यह कह कर निकाल दिया जाता है कि वह मुस्लिम हैं। मिस्बाह ने ये आरोप मुंबई की एक हाउसिंग सोसाइटी पर लगाए हैं। हालांकि सोसाइटी ने इन आरोपों का खंडन किया है। कादरी ने इस संदर्भ में बुधवार को राष्ट्रीाय अल्प संख्यलक आयोग से इसकी शिकायत की है।

25 वर्षीय मिस्बाह कादरी ने बताया कि मैं वडाला ईस्ट की सांघवी हाइट्स सोसायटी के तीन बेडरूम वाले फ्लैट एक सप्ताह पहले ही शिफ्ट हुई थी लेकिन जब वहां की सोसाइटी को पता चला कि मैं मुस्लिम हूं तो मुझे एक हफ्ते के भीतर ही निकाल दिया गया। मिस्बाह का कहना है कि इससे पहले लोअर परेल में पीजी लेते वक्त ब्रोकर ने कहा था कि अगर यहां रहना है तो आप मुस्लिम कपड़े न पहनें और अपना परिचय न उजागर करें।

दूसरी ओर जिस सांघवी हाइट्स सोसाइटी पर ये आरोप लगा है, उसके सुपरवाइजर राजेश ने कहा कि फ्लैट से निकाले जाने का कारण ब्रोकर और महिला के बीच का विवाद है। बिल्डिंग में मुस्लिमों को रहने दिया जाता है, कई परिवार रहते हैं। इस विवाद से सोसाइटी का कोई लेना-देना नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताोह गुजरात के ही एक एमबीए ग्रेजुएट ने हीरा कंपनी पर मुस्लिम होने के चलते नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया था। अल्पहसंख्यतक आयोग इस आरोप की जांच कर रहा है।

इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य गुलजार आजमी ने इस घटना के लिए हिंदूवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ”इससे पहले मुंबई में कभी ऐसा नहीं होता था। जब से नई सरकार बनी है और हिंदूवादी संगठन सक्रिय हुए हैं, तब से ऐसा हो रहा है। इधर, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता सुरेंद्र जैन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई हिंदू किसी को मुस्लिम होने के कारण किसी को फ्लैट नहीं दे। कुछ लोग और संगठन मुस्लिम समाज के अंदर भय का माहौल बना कर अपनी दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

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नेशनल

पंजाब में दो मालगाड़ियां आपस में टकराई, दूसरे ट्रैक पर आ रही पैसेंजर ट्रेन को चपेट में लिया, बड़ा हादसा टला

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अमृतसर। पंजाब के सरहिंद में रविवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सरहिंद के माधोपुर के पास सुबह करीब 3:30 बजे दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं, इनमें से एक का इंजन पलट गया और साइड ट्रैक से गुजर रही पैसेंजर ट्रेन से टकरा गया। इस हादसे में मालगाड़ी के दो लोको पायलट घायल हो गए। उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

यह दुर्घटना पिछले साल ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे से मिलती जुलती है। उस हादसे में एक दूसरी ट्रेन आकर रेलवे ट्रैक पर पहले से खड़ी ट्रेन से टकरा गई थी। इस टक्कर में पास से गुजर रही एक तीसरी ट्रेन भी इसकी चपेट में आ गई। ओडिशा रेल हादसे में 293 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। श्री फतेहगढ़ साहिब में हुए इस हादसे की रूपरेखा कुछ-वैसी ही है। हालांकि ट्रेनों की गति धीमी होने के कारण बड़ा हादसा होते होते रह गया।

दरअसल मालगाड़ियों के लिए बनाए गए डीएफसीसी ट्रैक पर कोयले से लोडेड 2 मालगाड़ियां खड़ी थीं। इन मालगाड़ियों को रोपड़ की तरफ जाना था। लेकिन रविवार की सुबह अचानक मालगाड़ी का इंजन खुलकर दूसरी गाड़ी से टकरा गया। इंजन पलटकर अंबाला से जम्मू तवी की ओर जा रही पैसेंजर गाड़ी में फंस गया. जिससे पैसेंजर गाड़ी समर स्पेशल को भी नुकसान पहुंचा। हादसे के बाद समर स्पेशल गाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर राजपुरा भेजा गया। वहीं अब ट्रैक को ठीक करने का काम जारी है। रेलवे के कर्मचारी मौके पर ट्रैक को ठीक करने में जुटे हुए हैं।

हादसे का शिकार हुए दोनों लोको पायलट उतरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। उनकी पहचान विकास कुमार और हिमांशु कुमार के रुप में हुई है। इंजन के शीशे तोड़कर दोनों लोको पायलट को बाहर निकाला गया। जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। ई है.

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