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लाइफ स्टाइल

मिथिला की सांस्कृतिक पहचान ‘पाग’ की प्रदर्शनी दिल्ली में

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सांस्कृतिक, मिथिला, 'पाग', मिथिलालोक फाउंडेशन, मिथिलांचल

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नई दिल्ली | भारत में पगड़ी या टोपी केवल फैशन नहीं है बल्कि यह सांस्कृतिक पहचान से भी जुड़ी है। इन दिनों मिथिला की टोपी ‘पाग’ की प्रदर्शनी दिल्ली के शिल्प संग्रहालय लगाई गई है जो आगंतुकों को अपनी ओर खींच रही है। पाग प्रदर्शनी वस्त्र मंत्रालय और मिथिलालोक फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित की जा रही है। यह 30 नवंबर तक चलेगी। प्रदर्शनी में पाग मिथिला की प्राचीन संस्कृति को दर्शा रही है।

मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष बीरबल झा ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा, “प्रदर्शनी आयोजित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य न केवल मिथिला की प्राचीन संस्कृति को पुनर्जीवित करना है बल्कि इसके जरिये भारतीय संस्कृति को समृद्ध करना भी है।”

झा ने कहा, “पाग मिथिला के आन बान शान से जुड़ी हुई है। यह यहां का सांस्कृतिक प्रतीक चिन्ह है। यह पहले तीन रंगों में थी, मिथिलालोक ने इसे सात रंगों में पेश किया है।”

इस अवसर पर शिल्प संग्रहालय की उप निदेशक निधि कामरा ने कहा कि शिल्प संग्रहालय में पहली बार पाग प्रदर्शनी लगाई गई है, जो मिथिला एवं देश की संस्कृति के लिए गौरव की बात है। मिथिला के पाग को तीन रंगों से सात रंगों में बनाना एक सुनहरा प्रयास है।

बीरबल झा ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के वैश्विक प्रभाव एवं पाश्चात्य वेश-भूषा के प्रति देशव्यापी आकर्षण के कारण यहां के लोगों की वेश-भूषा ने अपना महत्व खोना प्रारम्भ कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पहचान की संकट से जूझ रहा है। किसी भी समाज का विकास उसके पहचान के साये में ही संभव है। इस बात को ध्यान में रखकर मिथिलालोक फाउंडेशन मिथिलांचल के सर्वागीण विकास के लिए काम कर रहा है।

 

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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