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प्रादेशिक

भूमि विधेयक थोपने का प्रयास कर रहा केंद्र : नीतीश

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अध्यादेश द्वारा किसानों पर विवादित भूमि अधिग्रण विधेयक थोपने का प्रयास कर रही है, जो उसे महंगा पड़ेगा। यहां पर एक आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नीतीश ने कहा कि मोदी सरकार राज्यसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित न करा पाने को लेकर हताश है। राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है। फिर भी सरकार इसे करोड़ों किसानों पर थोपना चाहती है। समूचे देश में किसान इसका विरोध कर रहे हैं।

नीतीश ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किसानों का हित बहुत मायने नहीं रखता। उनके लिए उद्योगपतियों का हित अधिक महत्वपूर्ण है।” नीतीश की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भूमि अधिग्रहण पर तीसरी बार अध्यादेश जारी करने के फैसले को मंजूरी देने के बाद आई है। केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में जारी विधेयक की वैधता अवधि चार जून को खत्म होने को है। नीतीश कुमार ने कहा कि इससे पहले केंद्र के किसी भी विधेयक का समूचे देश में इस तरह विरोध नहीं किया गया था। केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों को यह सोचना चाहिए कि समूचा देश इस विधेयक के खिलाफ क्यों है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को छोड़कर जनता और विभिन्न राजनीति पार्टियां विधेयक का विरोध कर रही हैं और विधेयक को पुराने स्वरूप में वापस लेने की मांग कर रही हैं। इस तरह का विरोध हमने पहले कभी नहीं देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी अन्य पार्टियों की तरह ही इस विधेयक का विरोध कर रही है। यह विधेयक कारपोरेट घरानों के लिए किसानों से उनकी जमीन छीनेगा। नीतीश कुमार ने कहा देश के किसानों द्वारा विरोध को नरअंदाज करते हुए मोदी ने भूमि विधेयक को सरकार की साख का मुद्दा बना लिया है।

नीतीश के निशाने पर वे केंद्रीय मंत्री भी रहे, जिन्होंने 26 से 29 मार्च के बीच बिहार का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि वे (केंद्रीय मंत्री) केवल प्रेस वार्ताओं को संबोधित कर रहे हैं और कुछ नहीं।” नीतीश कुमार ने कहा कि सभी केंद्रीय मंत्री अपने बयानों में एक ही नेता का नाम रट रहे हैं, जिन्होंने उन्हें मंत्री बनाया है।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी का विपक्ष पर हमला, कहा- आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा

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गोरखपुर। सीएम योगी ने शुक्रवार को गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल के नामांकन के बाद, उनके पक्ष में महंत दिग्विजयनाथ पार्क में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के मतदान तक हताश हो चुके विपक्ष के नेता अब भगवान राम पर टिप्पणी करने लगे हैं। कोई कहता है कि राम मंदिर बेकार है तो कोई कहता है कि राम मंदिर से जनता को क्या लाभ है। योगी ने कहा कि आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे चरण में लोकसभा का चुनाव अब उस मोड़ पर पहुंच गया है जहां विपक्ष ने हार मान ली है। कांग्रेस, सपा बसपा सबने हार स्वीकार कर ली है। तीन चरणों में 285 सीटों पर यानी पूरे देश के अंदर आधा चुनाव संपन्न हो चुका है। योगी ने कहा कि चुनाव प्रचार में देश के अंदर उन्हें नौ राज्यों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूरे देश के अंदर एक ही स्वर गूंज रहा है, “फिर एक बार मोदी सरकार”। देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। हम उनको लाएंगे जिन्होंने रामराज की परिकल्पना को साकार किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए आज के विपक्ष ने राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वालों के खिलाफ, माफियाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए होते तो संकटमोचन मंदिर और कचहरी पर आतंकी हमले नहीं होते। आतंकवाद के मुद्दे पर घुटना टेकने की नीति का दुष्परिणाम रहा कि इन हमलों में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। रामराज का मतलब सबका सम्मान, सबकी सुरक्षा, सबका विकास और गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर तबके को बिना भेदभाव प्राप्त होना है।

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