अन्तर्राष्ट्रीय
भारतीय सेना का करारा जवाब, पांच पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया
नई दिल्ली। एलओसी पर संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन कर रहे पाकिस्तान को भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि जम्मू–कश्मीर के राजौरी के नौशेरा सेक्टर और पुंछ के कृष्णा घाटी में भारत की जवाबी फायरिंग में पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए हैं और छह से सात जवान घायल हुए हैं।
पाकिस्तान गुरुवार सुबह से ही नौशेरा और कृष्णाघाटी में एलओसी पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बिंबर और बट्टल सेक्टर में पाकिस्तान के ये पांच सैनिक मारे गए है। पाकिस्तान के ये दोनों सेक्टर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा और कृष्णा घाटी के सामने पड़ते हैं।
उधर,भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह को तलब किया है। पाकिस्तान जेपी सिंह के सामने भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर आपत्ति दर्ज करवा सकता है।
सुरक्षा को लेकर हालात का जायजा लेने के लिए आज सेना प्रमुख बिपिन रावत श्रीनगर में मौजूद हैं। श्रीनगर में रावत मौजूदा सुरक्षा के हालात का जायज़ा लेने के लिए बड़े अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।
एक मई को पाकिस्तान की कुख्यात बैट कमांडो की टीम ने भारत के दो सैनिकों का सिर काट लिया था। इसके जवाब में भारत ने नौशेरा में पाकिस्तान की एक पोस्ट को उड़ा दिया था। भारतीय सेना ने सबूत के तौर पर इस कार्रवाई का वीडियो भी जारी किया था।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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