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भारतीय गेंदबाजी से सावधान रहने की जरूरत : क्लार्क
सिडनी| आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने बुधवार को विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में कंगारू टीम को भारतीय गेंदबाजी से सावधान रहने के लिए कहा है। क्लार्क ने साथ ही यह भी कहा कि गुरुवार के मैच को लेकर वह पूरे आत्मविश्वास में हैं कि उनकी टीम भारत से मिली हर तरह की चुनौतियों से पार पाने के लिए तैयार है।
सेमीफाइनल मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में क्लार्क ने कहा, “मेरे विचार में सिडनी क्रिकेट मैदान (एससीजी) एक अच्छी विकेट साबित होगी और यह बल्लेबाजों सहित गेंदबाजों के लिए भी उपयुक्त होगा। स्पिन थोड़ी बहुत भूमिका निभाएगा लेकिन बल्लेबाजी के लिए यहां बहुच अच्छी पिच मिलेगी।” सेमीफाइनल मुकाबला गुरुवार को एससीजी में खेला जाना है। क्लार्क के अनुसार, “यह मैच हम सबके लिए चुनौती होगा। भारत के पास तेज और स्पिन गेंदबाजी का अच्छ मिश्रण मौजूद है। हमारे बल्लेबाज हालांकि इसके लिए तैयार हैं।”
क्लार्क ने कहा कि इतने बड़े मैच में निश्चित रूप से अनुभवी खिलाड़ियों की बड़ी भूमिका होगी, साथ ही उन्होंने बड़े टूर्नामेंट जीतने के लिए टीम में युवा खिलाड़ियों को भी महत्वपूर्ण बताया। क्लार्क ने अपने करीबी दोस्त दिवंगत फिलिप ह्यूज को भी याद किया। क्लार्क के अनुसार यह मैच इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी मैदान पर पिछले साल ह्यूज एक घरेलू मैच के दौरान सिर में बाउंसर गेंद लगने से चोटिल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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