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मुख्य समाचार

भारतीय की पिटाई मामले में ‘मिसट्रायल’ पर जताई नाराजगी

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वाशिंगटन| अमेरिका में पुलिस अफसर द्वारा भारतीय बुजुर्ग को जमीन पर पटकने के मामले में दूसरी बार ‘मिसट्रायल’ (गलत मुकदमा) की घोषणा पर दक्षिण एशियाई संगठन ने नाराजगी जताई है।

साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टुगेदर (एसएएएलटी) नामक संगठन ने इसके साथ ही दक्षिण एशियाई समुदाय का आह्वान किया है कि वह राज्य की हिंसा के किसी भी मामले में अश्वेत और अन्य गैर श्वेत समुदायों द्वारा की जा रही किसी भी मुहिम में शामिल हों और उसमें सहयोग करें।

एसएएएलटी ने गुरुवार को इस बात पर नाराजगी जताई कि हंट्सविले की संघीय अदालत ने मैडिसन के पुलिस अधिकारी एरिक पार्कर को निर्णायक मंडल द्वारा दोषी नहीं ठहराए जाने की वजह से मामले में ‘मिसट्रायल’ घोषित कर दिया।

इस मामले में आरोप है कि मैडिसन के पुलिस अफर एरिक पार्कर (27) ने इसी साल फरवरी में भारतीय बुजुर्ग सुरेशभाई पटेल को संदिग्ध समझ कर उन पर जरूरत से अधिक बल का प्रयोग किया था। उन्हें जमीन पर पटक दिया था। इस वजह से पटेल की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। पटेल के एक पड़ोसी ने पुलिस से शिकायत की थी कि एक संदिग्ध अश्वेत यहां-वहां झांक रहा है।

पटेल का कहना है कि उन्होंने अफसर को बताने की कोशिश की थी कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती। उन्होंने किसी भी तरह से अफसर को धक्का देने की कोशिश नहीं की थी। उंगली के इशारे से अपने घर के बारे में भी बताया था। पटेल इस घटना से कुछ ही दिन पहले अपने पोते की देखभाल करने के लिए अमेरिका आए थे।

बचाव पक्ष की मामले में दलील है कि पटेल ने जिस तरह का शारीरिक हावभाव दिखाया था, उससे पार्कर को उन पर काबू पाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। बचाव पक्ष ने यह भी कहा था कि अंग्रेजी नहीं आने की बात नहीं मानी जा सकती। जो अमेरिका आ रहा है, उसे यहां के कानून और भाषा से परिचित होना ही चाहिए।

मामले के पहले निर्णायक मंडल ने 11 सितंबर को कोई सर्वसम्मत फैसला न देते हुए दो के मुकाबले 10 मतों से पार्कर को इलजाम से बरी कर दिया था। इसके बाद अमेरिकी न्याय विभाग ने फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।

लेकिन, दोबारा चला मुकदमा भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। निर्णायक मंडल ने हंट्सविले की संघीय अदालत की न्यायाधीश मैडलिन ह्यूज हैकाला से कहा कि बहुत गहन विचार-विमर्श के बाद भी वह किसी नतीजे पर पहुंचने में नाकाम रहा है। इस पर न्यायाधीश ने मामले में ‘मिसट्रायल’ घोषित कर दिया।

एसएएएलटी निदेशक लक्ष्मी श्रीधरन ने कहा, “बात तो यह थी कि मुकदमा इस बात पर होगा कि पार्कर ने पटेल पर जरूरत से अधिक बल प्रयोग किया। लेकिन, हुआ यह कि पटेल की आव्रजन स्थिति और अंग्रेजी बोलने की उनकी क्षमता पर मुकदमा होने लगा।”

आशाकिरन संस्था के अध्यक्ष भवानी काकानी ने कहा, “हम पुलिस जुल्म के मामलों में एक से अधिक बार देख चुके हैं, खासकर अश्वेतों के मामले में। इस मामले में भी स्पष्ट संदेश मिला है कि पुलिस जुल्म पर शायद ही सजा हो।”

मिलियन हूडीज युनाइटेड के कार्यकारी निदेशक दांते बैरी ने कहा कि यह खबर (मिसट्रायल) सुनना बहुत परेशान करने वाला है, क्योंकि यह गैर श्वेत लोगों के प्रति अन्याय के तौर-तरीके को दिखाती है।

 

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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