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अन्तर्राष्ट्रीय

‘मेक इन इंडिया’ के लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण जरूरी : मोदी

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हनोवर। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की तत्काल जरूरत है। जर्मनी के समाचार पत्र ‘फ्रैंकफर्टर एल्जेमीन जिटंग’ (फ्रैंकफर्ट जनरल न्यूजपेपर) के ओपेड पृष्ठ पर मोदी ने लिखा, “हमारी ‘मेक इन इंडिया’ की रणनीति के लिए तत्काल नई आधारभूत संरचना बनाने की जरूरत है। राजमार्ग, रेलवे और ऊर्जा के लिए संघीय बजट में धन मुहैया कराना इस दिशा में एक कदम है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के विकास पर काम शुरू हो चुका है।” मोदी ने यह भी लिखा कि वह भारत को ‘वैश्विक विकास के मुख्य इंजन’ के रूप में देखते हैं।

दो-दिवसीय यात्रा पर जर्मनी पहुंचे मोदी ने लिखा, “हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘लिंक वेस्ट’ नीति के जरिए भारत के पास विनिर्माण केंद्र के रूप में पूरब और पश्चिम के बीच का मार्ग बनने की क्षमता है, जो हमारे घरेलू बाजार को सेवाएं दे रहा है और वैश्विक निर्यात तथा कल्याण का आधार है।” उन्होंने लिखा, “मेरी सरकार ने स्थिर और पारदर्शी कर व्यवस्था, कारपोरेट कर में कटौती और 2016 में एकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का संकल्प लिया है।”

मोदी ने लिखा कि मैं भारत को वैश्विक विकास के मुख्य इंजन के रूप में देखता हूं। हमारा लोकतांत्रिक सिद्धांत और व्यवहार कुशलता स्थायित्व की गारंटी है। हमारे यहां स्वतंत्र मीडिया और स्वतंत्र न्यायपालिका है, जो सभी को बिना डर राय रखने की आजादी देता है। मोदी ने कहा कि ‘भारत रहें साथ, बढ़े साथ’ में यकीन रखता है। उन्होंने कहा कि यहां आगे जाने का कोई और मार्ग नहीं है। इस सदी में लोगों की प्रगति सहयोग और समन्वय पर निर्भर करती है। मतभेद अविचारनीय है। इसलिए गरीबी जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा है कि हिंसा का सबसे खराब रूप है। मोदी ने कहा कि अगर हम सभी भारतीयों को सामाजिक-आर्थिक भविष्य के लिए साथ ले कर आएं, मुझे विश्वास है कि हमारा विश्व सभी के लिए बेहतर स्थान बन जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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