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भारत ने सीमा सील करने की योजना की सूचना नहीं दी : पाकिस्तान
इस्लामाबाद, भारत ने दिसंबर, 2018 तक पाकिस्तान से लगती अपनी सीमा सील करने की किसी योजना की औपचारिक जानकारी नहीं दी है। यह बात विदेश मंत्रालय ने कही। भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इस आशय के बयान के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने शुक्रवार को कहा, “हमारे पास इस बारे में अभी कोई ब्योरा नहीं है।”
डॉन वेबसाइट के अनुसार, जकारिया ने कहा कि एक तरफ भारत सरकार एक शांतिपूर्ण पड़ोस की स्थापना की बात करती है और दूसरी ओर उनकी कार्रवाई उनके दावों का खंडन करती है।
यह टिप्पणी तब आई है, जब जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में एक सैन्य शिविर पर हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक कटुता बढ़ी हुई है।
जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को पूरे यूरोप, ब्रिटेन, अमेरिका और नॉर्डिक राज्यों में जोर शोर से उठा रहा है। यही कारण है कि भारत हताश है और इस मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए हर कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने को कह रहे हैं और इसके लिए हम कहते रहेंगे।”
जकारिया ने कहा कि घाटी में बनी अशांति की एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए, जिसमें 90 से अधिक लोग मारे गए हैं।
भारतीय रक्षा मंत्री के बयान के बारे में जकारिया ने कहा, “जबर्दस्त झूठ अब उजागर हो गया है।”
पर्रिकर ने कहा था कि नियंत्रण रेखा के पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के संबंध में सबूत देने की मंशा नहीं है।
क्षेत्र में और विश्व में पाकिस्तान को अलग -थलग करने के नई दिल्ली के कूटनीतिक प्रहार पर टिप्पणी करते हुए जकारिया ने कहा, “पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय अलगाव का सामना नहीं कर रहा है और वैश्विक मामले में बहुत ज्यादा संलिप्त है।”
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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