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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत, ऑस्ट्रेलिया ने 5 समझौतों पर हस्ताक्षर किए

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केनबरा| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष टोनी एबॉट ने यहां द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें कैदियों की अदला-बदली और पर्यटन जैसे मुद्दे शामिल हैं। समाजिक सुरक्षा पर हुए समझौते का उद्देश्य दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क मजबूत बनाना और दोनों देशों के बीच नियमों को सुगम और दुरुस्त करना।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “यह दूसरे देश में बसने वालों को लाभ की समानता, लाभ के निर्यात और दोहरे कवरेज से बचते हुए सामाजिक सुरक्षा और पेंशन लाभ दिलाएगा। इससे अर्थव्यवस्थाएं अधिक सशख्त होंगी और व्यवसायियों का प्रवाह बढ़ेगा।” सजायाफ्ता कैदियों पर हुए समझौते का उद्देश्य कानून लागू करने और न्याय के प्रशासन में सहयोग के प्रयास तथा सजाओं के प्रवर्तन में सहयोग बढ़ाना है।

बयान के मुताबिक, “इस समझौते से जेल में सजा काट रहे लोगों के हस्तांतरण और उनके पुनर्वास तथा ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने की प्रक्रियाएं सुगम, नियंत्रित और निर्धारित की जा सकेंगी।” नसीले पदार्थो की तस्करी का मुकाबला करने और पुलिस सहयोग को बढ़ाने के लिए हुआ समझौता ‘मादक पदार्थो की तस्करी और दुरुपयोग से संबंधित चिंताओं को दूर करना।’

चौथा समझौता कला और संस्कृति में सहयोग पर हुआ है। इस संबंध को जानकार और पेशेवर विशेषज्ञों के आदान-प्रदान से मजबूत किया जाएगा। साथ ही संस्कृति के क्षेत्र में प्रशिक्षण और प्रदर्शनियों के माध्यम से भी इन संबंधों को मजबूती दी जाएगी। पांचवां समझौता पर्यटन के क्षेत्र में हुआ है, इसका उद्देश्य, पर्यटन हितधारकों के बीच बातचीत, आथित्य क्षेत्र में प्रशिक्षण और निवेश को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में पर्यटन क्षेत्र के महत्व को बढ़ावा देना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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