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भाजपा शासन में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ीं : राहुल

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नांदेड़ (महाराष्ट्र), 8 सितम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि देश में जितनी जरूरत उद्योगपतियों की है, उतनी ही जरूरत किसानों की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार में देश में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, बीते तीन सालों में महाराष्ट्र में 9,000 किसानों ने अपनी जान गंवाई है.. भारत में हर जगह किसान इस तरह का कदम उठा रहे हैं। मोदी ने एक व्यक्ति को 65,000 करोड़ रुपये नैनो कारखाना लगाने के लिए दिया, लेकिन उन्होंने किसानों को एक रुपया नहीं दिया।

राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी कांग्रेस के दबाव का नतीजा है, लेकिन कर्जमाफी को अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।

महाराष्ट्र के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का ढिढोरा पीटा गया है, लेकिन राज्य सरकार ने वास्तव में सिर्फ 5,000 करोड़ रुपये ही वितरित किए हैं।

महाराष्ट्र के नांदेड़ व परभणी के एक दिवसीय दौरे के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कर्जमाफी के लिए किसानों की जाति पूछने की क्या जरूरत है, उन्हें लंबी कतारों में क्यों खड़ा किया जा रहा है?

नोटबंदी की विफलता के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने बीते साल नवंबर में 500 व 1,000 रुपये के नोटों को बंद करके आम लोगों को खत्म करने का काम किया है।

राहुल ने कहा, यह दावा किया गया था कि नोटबंदी के बाद आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में तस्वीर अलग है..नोटबंदी के बाद 99 फीसदी रुपया वापस लौट आया, फिर जो कालाधन आने वाला था, वह कहां है? इसके बजाय देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि देश के सामने प्रमुख मुद्दे किसानों के हितों की रक्षा करना और बेरोजगारों को नौकरियां देना है।

उन्होंने आश्चर्य जताया, मोदी ने कहा था कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत दो करोड़ युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि कोई रोजगार के अवसर नहीं पैदा हुए। हर जगह हम ‘मेड इन चाइना’ देख रहे हैं और हमारी प्रतिस्पर्धा चीन के साथ है, तब ‘मेक इन इंडिया’ का क्या उद्देश्य है।

मोदी पर झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री बुलेट ट्रेन देने की बात करते हैं, लेकिन सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के लिए कुछ नहीं कर रही है।

राहुल ने कहा, कांग्रेस में खामियां हो सकती हैं, लेकिन मतलब यह नहीं है कि हम लोगों को झूठे सपने दिखाएं। पूरे भारत में सांप्रदायिक घृणा फैल रही है..गोवा, मणिपुर व गुजरात में..भाजपा वोट खरीदती है।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की नीति थी और इसमें हमारे गरीब देश के लिए 17 फीसदी से ज्यादा जीएसटी की सिफारिश नहीं थी।

उन्होंने जीएसटी लागू करने के तरीके की आलोचना करते हुए कहा, आज हमारे पास 28 फीसदी तक जीएसटी है और कर के पांच स्लैब हैं।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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