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भाजपा नेता के दुग्ध स्नान पर राजनीतिक उबाल
पणजी। गोवा में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता के दूध से स्नान करने की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा नेता किशोर शेट कनाकोना नगरपालिका परिषद के चुनाव में 27 अक्टूबर को विजयी हुए थे। इस खुशी में पार्षद शेट के समर्थकों ने उन्हें कनाकोना के मल्लिकार्जुन मंदिर में दूध से स्नान कराया।
दुग्ध स्नान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर कड़े शब्दों में धावा बोला है। कांग्रेस ने पार्षद शेट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता सुनील कावथांकर ने कहा, “अभी तो सिर्फ भाजपा के नेता ही दूध से नहा सकते हैं। आम आदमी के लिए तो दूध खरीदना तक मुश्किल हो चुका है। हम एक ऐसे समय में जन प्रतिनिधियों को दूध बर्बाद करने की इजाजत नहीं दे सकते जब लोग महंगाई की मार सह रहे हैं।”
शेट ने अपने बचाव में कहा कि उनके समर्थक ‘दुग्ध अभिषेक’ की भारतीय परंपरा को ही निभा रहे थे। उन्होंने कहा, “मेरे समर्थक काफी खुश थे। वे केवल एक बहुत लोकप्रिय भारतीय परंपरा पर अमल कर रहे थे।” वीडियो और शेट मामले में कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बारे में भाजपा की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष विल्फ्रेड मेसकिटा ने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने (शेट ने) कहा है कि वह भगवान को खुश करने के लिए एक परंपरा का पालन कर रहे थे। हमें अभी यह जानना बाकी है कि उनके इस काम से भगवान खुश हुए या नहीं।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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