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भाजपा को नोटबंदी का जवाब वोटबंदी से मिलेगा : सिंधिया
शिवपुरी, 24 नवंबर (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार ने जिस तरह नोटबंदी कर आम आदमी को परेशान किया है, जनता इसका जवाब वोटबंदी से देगी। कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को कोलारस में आयोजित जनाक्रोश रैली में सिंधिया ने बैलगाड़ी की सवारी की। उसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार से किसान परेशान हैं। नोटबंदी के बाद देश की आर्थिक तरक्की रुक गई है। बेरोजगारी बढ़ी है और नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर किसान और ग्रामीणों पर पड़ा है। जिस तरह से भाजपा सरकार ने नोटबंदी लागू की, उसी तरह अब जनता भाजपा को करार जवाब देते हुए वोटबंदी लाएगी।
सिंधिया ने आगे कहा, आज किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। फसल की लागत नहीं निकल रही है। इसके पीछे केंद्र व राज्य सरकार की नीतियां दोषी हैं। फसलों की लागत बढ़ने के बाद भी समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया जा रहा है। डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम हो गए हैं लेकिन देश में डीजल के दाम नहीं घटाए जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद सिंधिया ने कहा, मप्र में किसानों के लिए लाई गई भावांतर योजना भ्रष्टाचार योजना है। इसका लाभ किसानों की बजाय व्याापारियों को मिल रहा है। इस योजना में चल रहे भ्रष्टाचार के कारण फसलों के दाम गिर गए हैं। किसानों को औने-पौने दामों में अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।
सभा में सांसद सिंधिया ने किसान वर्ग से कहा कि वे केंद्र व राज्य सरकार से मुंगावली और कोलारस में होने वाले उपचुनाव में किए गए खर्च का पूरा हिसाब लें। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव मप्र के भविष्य का चुनाव है, इसलिए इन दोनों सरकारों को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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