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बीएसएफ, पाक रेंजरों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं
अटारी। पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को यहां अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तानी रेंजरों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं हुआ। पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। इसके चलते बीएसएफ के अधिकारियों और पाकिस्तानी रेंजरों ने आपस में मिठाइयों के आदान-प्रदान की परंपरा का पालन नहीं किया।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने यहां कहा, “दोनों तरफ से मिठाइयों की पेशकश नहीं की गई।” दोनों पक्षों ने इस सप्ताह हुई सीमा कमांडरों की एक बैठक में मिठाइयों का आदान-प्रदान न करने का फैसला किया था। पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाया जाता है। भारत में स्वतंत्रता दिवस इसके एक दिन बाद 15 अगस्त को मनाया जाता है। दोनों देशों के बीच चुनिंदा अवसरों पर मिठाइयों के आदान-प्रदान की परंपरा पिछले साल अक्टूबर में ईद पर टूटी थी।
आमतौर पर पाकिस्तानी रेंजर पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर मिठाइयों की पेशकश करते हैं और बीएसएफ भारत के स्वतंत्रता दिवस पर मिठाइयां भेंट करता है। पाकिस्तानी रेंजरों ने इस साल हालांकि 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस पर बीएसएफ को मिठाइयों की पेशकश की थी। ऐसा माना गया है कि पंजाब के गुरदारपुर जिले के दीनानगर शहर में 27 जुलाई को हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादी पाकिस्तानी थे। इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी। जम्मू एवं कश्मीर के ऊधमपुर में पांच अगस्त को आतंवादियों ने बीएसएफ के एक काफिले पर हमला किया था। इस हमले में संलिप्त रहे एक आतंकवादी पकड़ लिया गया था, जिसकी पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई है। पाकिस्तान ने हालांकि उसे अपना नागरिक मानने से इंकार कर दिया है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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