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मुख्य समाचार

बीआरओ पर जल्द होगा रक्षा मंत्रालय का पूर्ण नियंत्रण

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नई दिल्ली रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लाया जाएगा तथा जो सड़कें गैर-संवेदनशील हैं, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया जाएगा। बीआरओ फिलहाल सड़क परिवहन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है। परिवहन मंत्रालय जहां इसे धन मुहैया कराता है, वहीं रक्षा मंत्रालय इसके प्रबंधन से संबंधित काम देखता है।

पर्रिकर ने मंगलवार रात संवाददाताओं को बताया कि दोहरे नियंत्रण के कारण संस्था पर बुरा असर पड़ा है।

उन्होंने कहा, “बीआरओ को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय के अंदर लाया जाएगा। इसके दो प्रमुख होने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। अगले साल के बजट में यह पूरी तरह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत होगा।”

मंत्री ने कहा कि करीब 3,000 किलोमीटर सड़क को एनएचएआई को सौंप दिया जाएगा।

भारत-चीन सीमा के बराबर रेल संपर्क तैयार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जल्द ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ बैठक करेंगे।

सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर चीन की आपत्ति के संदर्भ में पर्रिकर ने कहा, “हम अपनी सीमा में क्या करेंगे, यह सोचना उनका काम नहीं है।”

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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