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लाइफ स्टाइल

बालों व त्वचा पर पड़ता है तनाव का असर

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नई दिल्ली| क्या आप तनाव और अवसादपूर्ण जिंदगी जी रहे हैं? तो थोड़ा ध्यान दें। अवसाद और तनाव आपके चेहरे और बालों से झलकता है। त्वचा विशेषज्ञ और बाल एवं त्वचा संबंधी रोगों के उपचार केंद्र ‘मेडलिंक्स’ के बाल प्रत्यारोपण सर्जन पंकज चतुर्वेदी ने तनाव से त्वचा और बालों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया।

-मुंहासे : हमारी त्वचा और मस्तिष्क का गहरा रिश्ता है। जिस क्षण तनाव वाले हार्मोन निकलते हैं, त्वचा में तेल की उत्पत्ति बढ़ जाती है, जिस वजह से मुंहासे होते हैं।

-बुढ़ापा : तनाव या अवसाद ग्रस्त लोग आसानी से पकड़ में आ जाते हैं, क्योंकि झुर्रियां और काले घेरे जैसे बुढ़ापे के लक्षण उनके चेहरे पर उम्र से बहुत पहले ही दिखने शुरू हो जाते हैं।

-बाल झड़ना : तनाव के चलते रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे बालों की जड़ों को अपने विकास के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन एवं अन्य जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। अवसाद ग्रस्त लोग आमतौर पर पोषक तत्वों के अभाव में बाल गिरने की समस्या से जूझते हैं।

अवसाद या तनाव भगाने के उपाय :

-बढ़िया सी मसाज कराएं : यह आपके शरीर को आराम देने और अवरुद्ध ऊर्जा तंत्रिकाओं को खोलने में मदद करेगी।

-व्यायाम करें : कसरत आपको प्रेरित करती है और आपका मूड ठीक करती है। यह आपको ऊर्जावान बनाने में मदद करती है। व्यायाम स्वस्थ काया की कुंजी है।

-रोजाना 15-20 मिनट ध्यान लगाएं : ध्यान सुविधानुसार किसी भी समय और जगह पर लगाया जा सकता है। एकांत में शांति से बैठकर आप अपने विचारों पर ध्यान दे सकते हैं। इससे तनाव भगाने में मदद होगी।

-नियमित अंतराल पर पौष्टिक खाना खाएं : बादाम, जामुन और सैमन (मछली की किस्म) तनाव दूर करने में सहायक हैं।

-आठ घंटे की नींद जरूरी : नींद की कमी से खीझ और चिड़चिड़ापन होता है। तनाव भगाने के लिए नींद से बेहतर कुछ नहीं हो सकता।

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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