अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश : जमात नेता को मौत की सजा
ढाका| बांग्लादेश में युद्ध अपराधों के मामलों की अदालत ने मंगलवार को एक जमात नेता को 1971 के संघर्ष के दौरान अपराधों को अंजाम देने के आरोप में दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई। वर्ष 1971 में भारत की मदद से पाकिस्तान से युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र बांग्लादेश बना था। ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ की रपट के मुताबिक, अल-बद्र कमांडर ए.टी.एम. अजहरउल इस्लाम को अदालत ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को दौरान जनसंहार का दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई है। न्यायाधीश इनायतउर रहीम की अध्यक्षता वाली अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय-1 ने मंगलवार को जमात नेता को उस पर लगे छह आरोपों में से पांच में दोषी करार दिया।
अजहर को रंगपुर के उत्तरी जिले में जनसंहार करने के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। अदालत की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश इनायतउर रहीम ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि यह जनसंहार था।” जमात के सहायक महासचिव को पिछले साल 12 नवंबर को अभ्यारोपित किया गया था। उन पर जनसंहार, हत्या, दुष्कर्म, प्रताड़ित करना, अपहरण और आगजनी करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले की सुनवाई 18 सितंबर को पूरी हुई थी। अजहर 1971 में रंगपुर के कारमाइकल कालेज में उच्चतर माध्यमिक कक्षा का छात्र था। वह उस समय में जमात की छात्र इकाई इस्लामी छात्र संघ का प्रमुख था। अजहर को मोघबाजार इलाके में स्थित उसके घर से 22 अगस्त 2012 को गिरफ्तार किया गया था, और वह तभी से जेल में बंद था।
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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