Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बहराइच के जंगल में मिली ‘मोगली गर्ल’, बंदरों जैसा करती है व्यवहार

Published

on

Loading

 

बहराइच। जंगल बुक के मोगली के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है कि भेडिय़ों के बीच पलने वाला मोगली जानवरों की ही भाषा बोलता है और उन्हीं के जैसा व्यावहार करता है। हालांकि वह एक काल्पिनक पात्र है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बहराइच के जंगल से पुलिस को आठ साल की एक ऐसी लडक़ी मिली है जो बंदरों के झुंड में रहती है और उसमें मानवोचित व्यवहार न होकर बंदर जैसा व्यवहार है। वह न तो हमारी-आपकी तरह बोल पाती है और न ही व्यवहार करती है।

जानकारी के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर सुरेश यादव की नजर कतर्नियाघाट जंगल के मोतीपुर रेंज में नियमित गश्त के दौरान एक लडक़ी पर पड़ी, जो बंदरों के एक झुंड में थी।

बंदर जब एक-दूसरे पर चिल्ला रहे थे तो लडक़ी भी उन्हीं की तरह नकल कर रही थी और बंदरों के बीच घिरी होने के बावजूद वह बिल्कुल सामान्य थी। सुरेश यादव ने अन्य पुलिसवालों की मदद से बड़ी मुश्किल से बंदरों को दूर कर लडक़ी को उनके बीच से निकाला। जब सुरेश लडक़ी के पास से बंदरों को दूर भगाने की मशक्कत कर रहे थे तो बंदर उन पर गुर्रा रहे थे, मगर पुलिस उस समय अचंभे में पड़ गई जब लडक़ी भी बंदरों की तरह उन पर गुर्राने लगी।

हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस लडक़ी को बंदरों के झुंड से निकालने में कामयाब हो गई। लडक़ी के शरीर पर चोटों के निशान थे। जख्मी बालिका को सब इंस्पेक्टर सुरेश यादव ने मिहीपुरवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। हालत में सुधार न होने पर बाद में बच्ची को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां धीरे-धीरे बालिका की हालत में सुधार आ रहा है।

पुलिस ने बताया कि लडक़ी बंदरों के बीच बिलकुल निर्वस्त्र मिली। उसके बाल और नाखून बढ़े हुए थे। पुलिस के मुताबिक, कई दिनों पहले गांववालों ने इस लडक़ी को देखा था। उन्होंने लडक़ी को बंदरों से बचाने की कोशिश की थी, लेकिन बंदरों के झुंड ने गांववालों पर हमला कर दिया। गांववालों ने ही लडक़ी के बारे में पुलिस को सूचित किया था। पुलिस कई दिनों से लडक़ी को खोजने के लिए जंगलों में गश्त कर रही थी।

बहराइच जिला अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, यह बच्ची डॉक्टरों व अन्य लोगों को देखते ही चिल्ला उठती है। यह न तो उनकी भाषा समझ पाती है और न ही कुछ ठीक से बोल पाती है। इस वजह से बच्ची का उपचार करने में भी दिक्कत आ रही है। कुछ लोग बताते हैं कि यह ठीक से खाना भी नहीं खा पाती है। थाली के खाने को जमीन पर फैला देती है, फिर बिल्कुल बंदरों की तरह जमीन से खाना उठाकर खाती है। वह अपने दोनों पैरों पर ठीक से खड़ी भी नहीं हो पाती है, क्योंकि यह बंदरों की तरह ही दोनों हाथों और पैरों से चलती है। डॉक्टर और वन्यकर्मी मिलकर बच्ची के व्यवहार में सुधार करने में जुटे हैं और उनका दावा है कि बच्ची अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।

 

प्रादेशिक

मध्य प्रदेश: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जेपी किरार की सड़क हादसे में मौत

Published

on

Loading

रायसेन। मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जयप्रकाश किरार की सड़क हादसे में मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयप्रकाश किरार शनिवार-रविवार की दरमियानी रात अपने साथियों के साथ उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन कर रायसेन लौट रहे थे।

रायसेन के करीब सांची रोड पर ग्राम खानपुरा में उनकी कार का टायर पंचर हो गया था। जब वह इसे बदल रहे थे, तभी एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी।

इस हादसे में किरार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जयप्रकाश किरार भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके थे। वे मूल रूप से विदिशा के निवासी हैं। उनकी पत्नी भी अनीती किरार भी जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।

Continue Reading

Trending