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फैशनेबल हुई खादी, कमाई भी बढ़ी

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नई दिल्ली| भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक रहा खादी का कपड़ा, जो कभी नीरस माना जाता था, आज फैशनेलबल हो गया है। खादी की बिक्री से होने वाली कमाई भी बढ़ी है।

डिजाइनर खादी के संग्रह के साथ रैंप पर उतर रहे हैं और कपड़ों के ब्रांड हाथ से बुने इस सूती कपड़े के बिक्री में मुनाफा देख रहे हैं। दस्तकरी कपड़े और घर के सजावट के सामान का ब्रांड ‘फैबइंडिया’ का खादी संग्रह जोरदार ढंग से बिक रहा है।

फैबइंडिया में महिलाओं के कपड़ों की रचनात्मक प्रमुख अनुराधा कुमार ने आईएएनएस को बताया, “हमने पेशकश और उपभोक्ता के आधार पर खादी के व्यवसाय में बढ़त देखी है। इसके अतिरिक्त इसके व्यवसाय में पिछले पाांच वर्षो में तीन गुना ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। बाजार निश्चित तौर पर उत्पादन क्षमताओं से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है।”

उन्होंने बताया कि महिलाओं और पुरुषों के क्लासिक कुर्तो की बिक्री हमेशा से तेज रही है।

बहुत से डिजाइनर अब खादी का प्रयोग कर रहे हैं।

वर्ष 2012 में बर्लिन फैशन सप्ताह और न्यूयॉर्क फैशन सप्ताह में अपनी खादी श्रृंखला का प्रदर्शन करने वाले डिजाइनर गौरंग शाह का कहना है कि खादी के प्रति लोगों का नजरिया बदला है।

शाह ने आईएएनएस को बताया, “लगभग 9-10 साल पहले जब मैंने काम शुरू किया था, तब वे सादी बूटियां, बहुत छोटी किनारियों का प्रयोग करते थे, जो बहुत आकर्षक नहीं थे। वे साड़ियां 60-70 साल महिलाएं पहना करती थीं। लेकिन अब डिजाइनरों की मदद से बुनकर नई तकनीक, डिजाइनों और रंगों का प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं।”

अब खादी के बहुत से प्रकार भी हैं।

शाह ने बताया, “हमने खादी को बहुत से समकालीन डिजाइनों से मिलाया। खादी के प्रति लोगों की मानसिकता बदली है, खास तौर से जब उन्हें पश्चिमी डिजाइनों में वेराइटी मिल रही है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद खादी और लोकप्रिय हो गई है।

प्रधानमंत्री ने तीन अक्टूबर को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था, “मैंने बताया कि खादी की बिक्री 125 फीसदी बढ़ी है। मैंने पिछली बार लोगों से खादी खरीदने की अपील की थी। मैंने कभी नहीं कहा कि खादीवादी बन जाओ, लेकिन मैंने कहा था कि कुछ खादी खरीदें। खादी की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।”

नेशनल स्किल फाउंडेशन ऑफ इंडिया में हैंडलूम्स एंड हैंडीक्राफ्ट की उप प्रबंधक श्रेया भट्टाचार्य ने बताया, “खादी जैसे घरेलू उद्योगों का प्रोत्साहन मजबूत अर्थव्यवस्था और देश के सुदूरवर्ती इलाकों का विकास सुनिश्चित करेगा।”

उन्होंने बताया, “खादी और ग्रामोद्योग देश के बड़े रोजगार प्रदाता हैं। अकेले खादी का निर्यात 77 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।”

यह कपड़ा युवाओं को भी आकर्षित कर रहा है। शाह ने बताया कि यह जॉर्जट, शिफॉन और नेट के कपड़े का विकल्प है।

वेंडेल रोड्रिक्स, रितु कुमार, सब्यसाची मुखर्जी, राहुल मिश्रा और आनंद काबरा जैसे मशहूर डिजाइनर अपने संग्रह में खादी के कपड़े का प्रयोग कर रहे हैं।

बंधेज की संस्थापक अर्चना शाह “खादी पर्यावरण के अनुकूल है। यह बहुत से बुनकरों को स्थायी आजीविका दे सकती है।”

सादा सूती खादी कपड़ा 34 से 82 रुपये प्रतिमीटर के मूल्य में उपलब्ध है, लेकिन डिजाइनर खादी के कपड़े लगभग 4,000 तक के हो सकते हैं।

 

 

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इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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