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बिजनेस

फेसबुक ने वीआर हेडसेट ‘ओकुलस गो’ लॉन्च किया

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सैन फ्रांसिस्को, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक नए वर्चुअल रियलटी हेडसेट ‘ओकुलस गो’ वीआर हेडसेट को 199 डॉलर की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च करने की घोषणा की है। ओकुलस वीआर ने बुधवार देर रात एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा,ओकुलस गो हमारा पहला स्टैंडअलोन उत्पाद है, जो वीआर में जाने का सबसे आसान तरीका है। यह अगले साल 199 डॉलर में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। वीआर में फिल्में और कॉन्सर्ट देखना, गेम खेलना और अपने दोस्तों के साथ मस्ती करना अपने आप में अद्भुत होगा।

अपने पिछले संस्करण ‘ओकुलस रिफ्ट’ के विपरीत, इस वीआर हेडसेट को स्मार्टफोन या प्लग इन और काम करने के लिए एक व्यक्तिगत कंप्यूटर की आवश्यकता नहीं होगी।

फेसबुक के सीईओ ने कैलिफोर्निया के सैन होजे में कंपनी के वार्षिक ‘ओक्लुस कनेक्ट’ सम्मेलन में कहा कि यह ‘सबसे अधिक पहुंच योग्य वीआर हेडसेट’ है और इसके 2018 में किसी भी वक्त लॉन्च होने की संभावना है।

जुकरबर्ग भी चाहते हैं कि एक अरब लोग वीआर में शामिल हों।

फेसबुक के उपकरण वीआर के उपाध्यक्ष ह्यूगो बर्रा के अनुसार, डेवलपर्स के लिए वीआर में शामिल होने के लिए सबसे आसान तरीका आ गया है।

बात की जाए विशेषताओं की तो, हेडसेट में दृश्य स्पष्टता के लिए उच्च-रिजॉल्यूशन फास्ट-स्विच एलसीडी स्क्रीन है जो ‘स्क्रीन डोर प्रभाव’ (एसडीई) को कम करने में सहायता करती है।

कम चमक के साथ एक विस्तृत क्षेत्र को देखने के लिए अगली पीढ़ी के लेंस हैं।

‘ओकुलस गो’ के पास हेडसेट पर कैमरे हैं और यह डिवाइस ऑरियनटेशनेल ट्रैकिंग का पता लगाने के लिए कंप्यूटर दृष्टि तकनीक का उपयोग करता है।

हेडसेट में स्पीकर लगाए गए हैं, जिसे उपयोगकर्ता सीधे वीआर में ले जा सकते हैं और हेडसेट को किसी और के साथ साझा करने के लिए आसान बना सकते हैं। व्यक्तिगत उपयोग के लिए 3.5 मिमी मानक हेड फोन जैक भी दिया गया है।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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