Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

फिल्मों में अपना व्यक्तिगत मत नहीं थोपता : हासन

Published

on

चेन्नई, सुपरस्टार कमल हासन,व्यक्तिगत,दृश्यम

Loading

चेन्नई | सुपरस्टार कमल हासन का कहना है कि वह अपनी फिल्मों में अपना व्यक्तिगत मत नहीं थोपना चाहते, लेकिन यदि बहुत जरूरी हो तो एक सीमित सीमा के अंदर यह करते हैं। हासन की फिल्म ‘पापनाशम’ इस शुक्रवार सिनेमाघरों में आ रही है।

हासन ने आईएएनएस को बताया, “जब से ‘पापनाशम’ के प्रोमो जारी हुए हैं, मुझसे यही पूछा जा रहा है कि नास्तिक होने के बावजूद मैं अपने किरदार में विभूति के साथ क्यों दिख रहा हूं। मैं मानता हूं कि नास्तिक हूं, लेकिन मेरे विचार मेरी फिल्मों से अलग हैं।” हासन ने कहा, “यदि मुझे अपने व्यक्तिगत विचार अपनी फिल्मों में शामिल करने पड़े, तब भी मैं यह बेहद सीमित सीमा में करूंगा।” उन्होंने कहा कि पर्दे पर कभी जाति व्यवस्था को महिमामंडित नहीं किया।

‘पापनाशम’ ब्लॉकबस्टर मलयालम फिल्म ‘दृश्यम’ की तमिल रीमेक है, जिसमें हासन एक केबल ऑपरेटर बने हैं। फिल्म की कहानी एक ऐसे इंसान के बारे में है, जो बाहरी तत्वों से अपने परिवार की रक्षा करता है।

मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

Published

on

Loading

मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

Continue Reading

Trending