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फिर आंदोलन में जुटे गुर्जर, हालात संभालने की चुनौती

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राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर फिर आंदोलन की राह पर हैं और सियासी पारा एक बार फिर गर्म हो चुका है। विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे इस आंदोलन में गुर्जरों ने चिर-परिचित अंदाज में भरतपुर के बयाना स्थित पीलूपुरा में रेलवे-ट्रैक को जाम कर दिया। जिसके कारण करीब तीन दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है जबकि 80 से अधिक ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग जैसे महत्वपूर्ण ट्रैक पर यातायात बाधित होने के अलावा सड़क मार्ग पर भी इस आंदोलन की आंच पहुंचती नजर आ रही है।

हालांकि इस पूरे मामले में एक कानूनी पेंच भी फंसा है। राजस्थान सरकार ने गुर्जर सहित पांच जातियों को एसबीसी (स्पेशल बैकवर्ड कैटेगरी) में 5 फीसदी आरक्षण दिया, लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी क्योंकि ऐसा करने से प्रदेश में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो गया। नियमों के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। फिलहाल एसबीसी को एक फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है। इन जातियों को ओबीसी में भी लाभ दिया जा रहा है। पांच प्रतिशत आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में है और सुनवाई 16 जुलाई को है। अब चूंकि यह मामला कोर्ट में है, लिहाजा फैसला भी वहीं से आएगा लेकिन इस मामले का एक यह भी पहलू है कि ऐसे मामलों में सरकार समय रहते दूरदर्शिता का परिचय नहीं देती। इसी महीने जब आंदोलनकारियों ने न्याय यात्रा शुरू की थी, तभी सरकार को चेत जाना चाहिए था। आंदोलनकारियों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी अब जनता की परेशानी के लिए वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि वे 10 दिन से न्याय यात्रा कर रहे थे, लेकिन सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया। महापंचायत में भी उन्होंने अधिकारियों को मौका दिया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। ऐसे में उनके पास कोई चारा नहीं था।

इस बीच गुर्जर बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं। यह शक्ति प्रदर्शन पिछले आंदोलनों में मारे गए गुर्जरों की बरसी के मौके पर आयोजित करने की योजना है। जब हालात बिगड़ते नजर आए तब गुर्जरों से बातचीत के लिए बैंसला के पास पत्र भेजा गया। सरकार के प्रस्ताव पर पहले तो गुर्जर नेताओं ने साफ कह दिया कि कोई बातचीत नहीं होगी। सरकार साफ प्रस्ताव ले कर आए कि हमें आरक्षण कैसे देगी, लेकिन बाद में गुर्जर वार्ता के लिए तैयार हो गए। हालांकि इस वार्ता से कोई रास्ता नहीं निकल सका और राजस्थान सरकार के तीन मंत्रियों और गुर्जर नेताओं के बीच बातचीत विफल रही। वार्ता में शामिल गुर्जर नेताओं ने मंत्रियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। बैठक के बाद गुर्जर नेताओं ने मीडिया से कहा कि सरकार की ओर से आए मंत्रियों के पास 50 फीसदी आरक्षण व्यवस्था के तहत विशेष पिछड़ा वर्ग में आरक्षण कैसे दिया जाएगा, इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और सरकार को जवाब दिया जाएगा।

मामले में यह भी ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि ये आंदोलन वर्ष 2007 और 2008 में कई जानें छीन चुका है और हालात फिर विस्फोटक होते नजर आ रहे हैं। जब तक मामले का कानूनी हल नहीं निकलता तब तक राज्य सरकार को परिपक्वता का परिचय देते हुए हालात को संभालना पड़ेगा। वहीं गुर्जर समुदाय को भी थोड़ा संवेदनशील होना पड़ेगा। लोकतंत्र में अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज बुलंद करने का हक सबको है, पर इसके लिए दबाव बनाने के उन तौरतरीकों का समर्थन नहीं किया जा सकता, जिसका नुकसान लाखों लोगों को होता है।

खेल-कूद

IPL 2024: खिताबी मुकाबले में आज भिड़ेंगे कोलकाता और हैदराबाद

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चेन्नई। IPL के फाइनल मुकाबले में आज कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद की टीमें आमने सामने होंगी। कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम शानदार फॉर्म में है। लीग स्टेज में 14 में से 9 मैच जीतकर 20 अंकों के साथ पहले नंबर पर रही। क्वालिफायर-1 में उसने सनराइजर्स को हराया। उसके पास तीसरी बार चैंपियन बनने का मौका है।

वहीं सनराइजर्स हैदराबाद की टीम अंक तालिका में 14 मैच में 8 जीत के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। प्लेऑफ-1 में कोलकाता से हारने के बाद क्वालिफायर-2 में राजस्थान रॉयल्स को हराकर फाइनल में पहुंची। उसके पास चैंपियन बनने दूसरा मौका है। कोलकाता ने आखिरी बार 2014 में गौतम गंभीर के नेतृत्व में आईपीएल खिताब जीता था, जो अब फ्रेंचाइजी के मेंटर हैं।

वहीं, सनराइजर्स हैदराबाद ने 2016 में डेविड वार्नर की अगुवाई में खिताब हासिल किया। श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली टीम मैच में मजबूत आत्मविश्वास के साथ उतरेगी। यह तीसरा मौका होगा जब दोनों टीमें सीजन में आमने-सामने है। आमने-सामने की लड़ाई में कोलकाता का पलड़ा भारी है। अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 27 मुकाबले हुए। इनमें से 18 मुकाबले कोलकाता ने और 9 मुकाबले हैदराबाद ने जीते।

इस फाइनल मुकाबले की खास बात यह है कि जहां एक तरफ हैदराबाद के पास उनकी तूफानी बैटिंग लाइन-अप है, वहीं दूसरी तरफ कोलकाता की खतरनाक स्पिन जोड़ी, सुनील नारायण और वरुण चक्रवर्ती, जो किसी भी मजबूत बैटिंग लाइन-अप को तोड़ने का माद्दा रखती है। अगर हैदराबाद की बात करे तो गेंदबाज़ी लाइन अप में भुवनेश्वर कुमार कोलकाता के विरुद्ध अहम भूमिका निभा सकते हैं। कुल मिलाकर यह मुकाबला कांटे की टक्कर का होने वाला है, लेकिन पसंदीदा कोलकाता मानी जा रही है।

संभावित प्लेइंग 11

सनराइजर्स हैदराबाद : पैट कमिंस (कप्तान), ट्रैविस हेड, राहुल त्रिपाठी, हेनरिक क्लासेन (विकेटकीपर), अब्दुल समद, एडन मार्करम, अभिषेक शर्मा, नीतीश रेड्डी, भुवनेश्वर कुमार, टी नटराजन और मयंक मारकंडे।

कोलकाता नाइट राइडर्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), रहमनुल्लाह गुरबाज (विकेटकीपर), रिंकू सिंह, रमनदीप सिंह, वेंकटेश अय्यर, सुनील नारायण, आंद्रे रसल, हर्षित राणा, वैभव अरोड़ा, मिचेल स्टार्क और वरुण चक्रवर्ती।

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