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प्रशांत भूषण जनलोकपाल विधेयक पर अन्ना हजारे से मिले
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता प्रशांत भूषण ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से मुलाकात की और दिल्ली जनलोकपाल विधेयक की कमियों से उन्हें अवगत कराया। भूषण ने ट्वीट कर कहा कि बैठक अन्ना के निवास स्थान महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में हुई।
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रभावी जनलोकपाल की मांग को लेकर साल 2011 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अन्ना हजारे व प्रशांत भूषण ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ फोरम के हिस्सा थे।
भूषण ने ट्वीट किया, “अन्ना से मिला। उन्होंने कहा कि साल 2015 के लोकपाल विधेयक में कई खामियां हैं। इसे साल 2014 के विधेयक के समान करने की जरूरत है। ऐसा करने के लिए एके (अरविंद केजरीवाल) से कहेंगे। यदि केंद्र सरकार ने इसमें बाधा डाली तो आंदोलन करेंगे।”
आप नेता संजय सिंह व कुमार विश्वास ने इससे पहले हजारे से मुलाकात की थी और दावा किया था कि उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में पेश प्रस्तावित कानून का समर्थन किया। हजारे ने सेलेक्शन पैनल व रिमूवल प्रक्रिया में बदलाव करने का सुझाव दिया था, जिसे दिल्ली सरकार द्वारा मानने की संभावना है। केजरीवाल ने जन लोकपाल विधेयक के समर्थन के लिए मंगलवार को अन्ना हजारे का आभार जताते हुए कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों को निश्चित तौर पर लागू करेंगे।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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