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अन्तर्राष्ट्रीय

पोप फ्रांसिस करेंगे तुर्की का दौरा

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लंदन| पोप फ्रांसिस देश के भीतर परस्पर आस्था वार्ता के लिए तुर्की की यात्रा करेंगे। बीबीसी ने शुक्रवार को बताया कि अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस तुर्की के नए राष्ट्रपति रेसेप तईप एरडोगन से अंकारा में मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के दौरान उनके इस्तान्बुल जाने की भी योजना है। वहां पर वह आर्थोडॉक्स क्रिश्चियन चर्च के प्रमुख से मुलाकात करेंगे।

अपने इस दौरे पर पोप फ्रांसिस इस्तान्बुल की सुल्तान अहमद मस्जिद भी जाएंगे। यह मस्जिद 17वीं सदी का लोकप्रिय प्रार्थना स्थल है। इसे नीली मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें इस यात्रा के दौरान कैथोलिक ईसाई और परंपरागत ईसाई धर्म के बीच की खाई को पाटने के प्रयास में 30 करोड़ पंरपरागत ईसाइयों के नेता पैट्रिआर्क बर्थोलोमेव के साथ एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर भी करने हैं।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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