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मनोरंजन

‘पीके’ तमिल में बनना अभी तय नहीं : कमल हासन

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विख्यात अभिनेता कमल हासन का कहना है कि राजकुमार हिरानी के निर्देशन की फिल्म ‘पीके’ के तमिल संस्करण में काम करने की अटकलें महज अफवाहें हैं। फिलहाल इनमें कोई सच्चाई नहीं है।

हिरानी की मशहूर फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ के तमिल संस्करण में अभिनय कर चुके हासन ने कहा, “फिल्म के निर्माताओं ने अभी बस बात शुरू की है। मैं अपनी प्रोडक्शन कंपनी की अगली फिल्म के लिए मॉरीशस में हूं। किसी ने फिल्म (पीके)के तमिल संस्करण में मेरे होने की अफवाहें उड़ानी शुरू कर दी और जो करार हुआ ही नहीं, उसके बारे में अफवाहें बाहर आ गईं।”

हासन ने माना कि ‘पीके’ के रीमेक को करने से पहले उनकी कुछ मांगें हैं।

उन्होंने कहा, “मैं फिल्म शायद तभी करूं, जब मेरी कुछ मांगें मानी जाएं। अगर मैं नहीं करूंगा तो यकीनन कोई और इसे करेगा। यह एक सफल और मजेदार फिल्म है। मुझे यकीन है कि ज्यादा अभिनेता इसे करने के इच्छुक होंगे।”

हासन की आगामी तमिल फिल्म ‘पापनाशम’ हिंदी में बनने जा रही है। हिंदी संस्करण में अजय देवगन मुख्य भूमिका में होंगे। फिल्म मलयालम में ‘दृश्यम’ नाम से बनी, जिसमें सुपरस्टार मोहनलाल ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इसे जबर्दस्त सफलता मिली थी।

हासन ने कहा, “मेरे ख्याल से अजय देवगन और निर्देशक निशीकांत कामत की एक मजेदार केमेस्ट्री बनेगी..मैं उन्हें बहुत शुभकामनाएं देता हूं।”

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प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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