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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में याचिका, ‘कुलभूषण जाधव को जल्द फांसी हो’

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इस्लामाबाद, 27 मई (आईएएनएस)| पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग को लेकर शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई। ‘द नेशन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि जाधव को सैन्य अदालत ने दोषी ठहराया है और उसने मौत की सजा के खिलाफ अपील भी नहीं की है, इसलिए उसे तत्काल फांसी दे देनी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को मौत की सजा तथा उसे राजनयिक संपर्क न प्रदान करने का फैसला पाकिस्तानी कानून के मुताबिक किया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के क्षेत्राधिकार में नहीं आता।

याचिकाकर्ता के अनुसार, पाकिस्तान अपने घरेलू कानून के आधार पर कार्रवाई करने को स्वतंत्र है।

संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत आईसीजे ने कुलभूषण जाधव मामले में अंतिम फैसला आने तक पाकिस्तान को जाधव को फांसी न देने को कहा है, जिसकी भारत ने सराहना की है।

वहीं, पाकिस्तान ने कहा है कि आईसीजे के फैसले से जाधव मामले में कोई बदलाव नहीं आया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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