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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में भारी बारिश, तूफान में 44 की मौत

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आई भारी बारिश और तूफान के कारण कम से कम 44 लोगों के मौत हो गई। मीडिया में सोमवार को आई रपट से यह जानकारी मिली। पेशावर और आस-पास के इलाकों में रविवार को 17 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस दौरान 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं।

समाचार चैनल ‘जीयो न्यूज’ के अनुसार, भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई घरों की दीवारें और छत गिर गए। इसके अलावा नौशेरा, अकबरपुरा तथा पेशावर के सीमावर्ती इलाकों में पेड़ और सड़क पर लगे खंभे गिरने की खबर है।

चारसड्डा रोड, बाधो सुमार बाग और बुधनी इलाकों से भी इसी तरह की खबरें हैं।

राहत कार्य में लगे एक अधिकारी ने बताया कि घायल महिलाओं एवं बच्चों को अस्पताल ले जाया जा रहा है।

प्रभावित इलाकों में अभी भी राहत कार्य जारी है। हालांकि लगातार जारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राहत कार्य में भी बाधा आ रही है।

मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों में मालाकंड, हजारा और पेशावर के आस-पास भारी बारिश और तेज हवाओं के जारी रहने की भविष्यवाणी की है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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