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पाकिस्तान में 8 भारतीय अधिकारी जासूस बताए गए, पहचान उजागर की

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pakistan-indianइस्लामाबाद/नई दिल्ली | पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के 8 अधिकारियों को जासूस करार देते हुए इनकी पहचान उजागर कर दी गई है। उनकी तस्वीरों के साथ उनकी पहचान पाकिस्तानी मीडिया में गुरुवार को प्रकाशित की गई, जिसके बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध में खटास और बढ़ गई है। ‘डॉन’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कथित भारतीय जासूस जिनकी पहचान मीडिया में उजागर की गई है, उनके नाम राजेश कुमार अग्निहोत्री (भारतीय उच्चायोग में वाणिज्यिक परामर्शदाता), बलबीर सिंह (प्रथम सचिव, प्रेस और संस्कृति), अनुराग सिंह (प्रथम सचिव, वाणिज्यिक), अमरदीप सिंह भट्टी (वीजा अटैची), धरमेद्रा, विजय कुमार वर्मा व माधवन नंद कुमार (वीजा सहायक) और जयबालन सेंथिल, (सहायक, कार्मिक कल्याण कार्यालय) हैं।

डॉन ने कहा कि मीडिया लीक में दावा किया गया है कि ये अधिकारी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) या भारतीय खुफिया ब्यूरो के लिए काम कर रहे थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया में लीक हुई इस खबर की पुष्टि अभी तक किसी अधिकारी ने नहीं की है। सबसे पहले यह तस्वीरें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लीक हुई थीं। उन पर आरोप है कि वे पाकिस्तान में मुखबिर जुटाते थे और विदेशों में पाकिस्तान की छवि खराब करने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ करते थे। वे षडयंत्रकारी गतिविधियों में लगे हुए थे, देश में भय और अराजकता पैदा करना चाहते थे और उनकी कोशिश पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे को बाधित करने की थी।

नई दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि भारत ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा 8 भारतीय अधिकारियों की पहचान सार्वजनिक करने से उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।

डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आठों अधिकारियों को या तो पाकिस्तान द्वारा अवांछनीय व्यक्ति घोषित कर दिया जाएगा या भारत खुद ही उन्हें वापस बुला लेगा।

इस लीक के बाद दोनों देशों के बीच संबंध में और भी खटास बढ़ गई है। इससे पहले पाकिस्तान को नई दिल्ली स्थित उच्चायोग से अपने 6 अधिकारियों व कर्मचारियों को वापस बुलाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान के चार राजनयिक जासूस हैं। यह अधिकारी-कर्मचारी बुधवार को लाहौर पहुंचे।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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