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मनोरंजन

परंपरा में विश्वास नहीं करता : शाहरुख

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हिंदी फिल्म नगरी में परिवारवाद की परंपरा पुरानी है, लेकिन गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आए शाहरुख खान का मानना है कि उनके बच्चे उनके पदचिन्हों पर चलते हुए अभिनय कॅरियर को ही अपनाएं, यह जरूरी नहीं है। शाहरुख का हालांकि कहना है कि उनकी बेटी सुहाना अभिनेत्री बनने की इच्छुक है।

शाहरुख ने यहां एक समारोह में कहा, “मैं परंपरा में विश्वास नहीं करता। मेरे पिता अभिनेता नहीं थे और मुझे लगता है कि मेरे बच्चों को भी अभिनय के क्षेत्र में आना जरूरी नहीं है। मैं उन्हें नहीं कहूंगा कि उन्हें क्या करना चाहिए, क्योंकि मेरे माता-पिता ने भी कभी ऐसा नहीं कहा।”

शाहरुख ने कहा, “अगर मेरे बच्चे अभिनेता या अभिनेत्री नहीं बनते तो कोई फर्क नहीं पड़ता।”

शाहरुख के मुताबिक उन्हें नहीं लगता कि उनके बच्चों को उनसे अभिनय के गुण विरासत में मिले हैं।

शाहरुख ने कहा, “मेरा बेटा आर्यन अभी पढ़ रहा है और मैं चाहता हूं कि वह स्नातक की पढ़ाई पूरी करे, लेकिन मेरी बेटी अभिनय सीखना चाहती है। लेकिन मैं नहीं जानता कि इसके लिए उसे किस संस्थान में भेजना चाहिए।”

 

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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