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अब नकदी की सीमा तय कर सकती है सरकार
मुंबई। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को रद्द करने के फैसले के बाद अब सरकार कैश विद्ड्रॉल, ट्रांजैक्शंस और कोई अपने पास कितना पैसा रख सकता है, इसकी एक लिमिट तय कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि यह लिमिट कंपनियों के साथ-साथ आम लोगों पर भी लागू होगी।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सीनियर टैक्स अधिकारियों और विशेषज्ञों से ऐसे कदम के बारे में राय देने को कहा गया था। अब इस नीति को लागू करने के बार में सरकार सोच सकती है। सरकारी अधिकारियों से पूछा गया था कि किस तरह नकद लेन-देन घटाने के बारे में एसआईटी के प्रस्ताव को लागू किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने इस साल जुलाई में सलाह दी थी कि कैश ट्रांजैक्शंस की लिमिट 3 लाख रुपए और कैश होल्डिंग्स की लिमिट 15 लाख रुपए तय कर दी जाए।
नांगिया ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा, डिमॉनेटाइजेशन और कैश विदड्रॉल पर पाबंदी बहुत सकारात्मक कदम है क्योंकि इससे पैरलल इकॉनमी खत्म हो जाएगी और ब्लैक मनी जेनरेट होने की गुंजाइश बेहद कम रह जाएगी। मैं इसे ब्लैक मनी पर सरकार के हमले की स्ट्रैटेजी के विस्तार के रूप में देख रहा हूं।
हालांकि एक विपरीत मत भी है। इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि इससे कैश ट्रांजैक्शंस और कैश होल्डिंग्स की सीमा बदल जाएगी। इसलिए हो सकता है कि सरकार, एसआईटी के इस प्रस्ताव को लागू नहीं करे।
नेशनल
जमशेदपुर में बोले पीएम मोदी- पूरा हिंदुस्तान कह रहा है, फिर एक बार, मोदी सरकार
जमशेदपुर। पीएम मोदी ने जमशेदपुर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साझा। पीएम मोदी ने कहा कि जमशेदपुर में 4 जून को क्या परिणाम आने वाला है, यह आपका उत्साह बता रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत सालों तक भाजपा के संगठन का काम करता था। कोई मुझे कहे कि चुनावी रैली है, सुबह 10-11 बजे रख लो, मैं हाथ जोड़कर कहता था कि इतनी सुबह कौन आएगा, रहने दो। मैं कहता था कि 1-2 बजे रख दो। मैं जानता हूं इतनी सुबह इतनी बड़ी रैली करना लोहे के चबाने जैसा हाल होता है। लेकिन आज सुबह-सुबह जमशेदपुर में मैं जनजागृति का नया पर्व देख रहा हूं।
पीएम मोदी ने आगे कहा, चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था की चर्चा होनी चाहिए या नहीं। चुनाव में उद्योगों, लघु उद्योगों की बात होनी चाहि या नहीं होनी चाहिए। चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा की बात होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। चुनाव में युवाओं में बनते नए अवसरों की बात होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस वालों को इन सब से कोई मतलब नहीं है। इन्हें विकास का क, ख, ग, घ भी नहीं मालूम है। इनका तरीका है झूठ बोले, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, इधर भी बोलो, उधर भी बोलो, खड़े-खड़े बोलो, नाच-नाच के बोलों। इनके मुद्दे हैं गरीब की संपत्ति का एक्स रे करेंगे। एस, एसटी का आरक्षण छीनेंगे। क्या इससे ज्यादा आगे ये सोच नहीं सकते हैं क्या। इंडी गठबंधन वाले, आपसे झूठ बोलते हैं।
उन्होंने कहा, “इनकी सच्चाई पूरा देश जान गया है। इसलिए पूरा हिंदुस्तान कह रहा है, फिर एक बार, मोदी सरकार। कांग्रेस और झामुमो और राजद जैसी पार्टियों ने हमारे झारखंड को हर मौके पर लूटा है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। कांग्रेस ने अनगिनत घोटालों में लूट के रिकॉर्ड बनाए। राजद को देखिए नौकरी के बदले, गरीब से जो बेचारा दो टाइम की रोटी के लिए नौकरी तलाशता था, ऐसे गरीब की जमीन लिखवा ली। जमीन भी छीन ली गरीब की। बदले में नौकरी का वादा किया। झामुमों ने वही आदतें, वही चरित्र कांग्रेस और राजद से सीखा है।” पीएम मोदी ने कहा कि इनके घरों से जो नोटों के पहाड़ बरामद हुए हैं वो पैसे हैं किसके? ये पैसा आपका है, आप हैं इन पैसों के मालिक। भोले-भाले मेरा आदिवासी, दलितों भाई-बहनों का यह पैसा है जो इन्होंने लूटा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये लोग अपनी काली कमाई में से एक भी रूपया देते क्या। ये लूट करते हैं तो कहते हैं कि अरे भाई अरबों खरबों लूट लेंगे और वकील को क्या है जो चाहिए दे देंगे और फिर अदालत से निकल जाएंगे। फिर तो मौज ही मौज है। यानी वकील के लिए भी चोरी का पैसा। मोदी इन बेइमानों की ठिकानों से पैसा बरामद करवा रहा है। उन्होंने कहा कि नोटों का पहाड़ जो मैं पकड़ रहा हूं, मैं गारंटी देता हूं इसे सरकार की तिजोरी में ले जाने के लिए नहीं कर रहा हूं। मैं खोजूंगा कि ये पैसे किसके थे, क्यों देना पड़ा और कैसे दिया था। जब ये पक्का हो जाएगा कि ये पैसे किसके हैं तो उन सब गरीबों को ये पैसे उनको लौटा दूंगा।
पीएम मोदी ने संबोधन में आगे कहा कि कानूनी सलाह ले रहा हूं इसके लिए, रास्ते खोज रहा हूं। कांग्रेस के नेता खुलेआम कहते हैं कि जो कारोबारी हमें पैसा नहीं देते, हम उनपर खुलकर हमला करते हैं। मतलब कांग्रेस और झामुमों जैसे दलों को देश से मतलब नहीं, बल्कि उन्हें अपने भ्रष्टाचार और वसूली से मतलब है। मैं आज एक गंभीर विषय पर बात करना चाहता हूं। क्योंकि मैं आज उद्योग की धरती पर खड़ा हूं। कांग्रेस और उनके साथी, जहां-जहां उनकी सरकारें हैं, उन मुख्यमंत्रियों को चुनौती देता हूं। ये मेरे राजनीतिक बयान नहीं है। मैं गंभीरता से इस विषय को छेड़ना चाहता हूं। मीडिया वाले जो अपने आप को न्यूट्रल मानते हैं। वो इनके मुख्यमंत्रियों से सवाल पूछें कि कांग्रेस के शहजादे उद्योग, उद्योगपतियों, निवेश का विरोध करते हैं। आने वाले दिनों में कौन उद्योगपति उनके राज्य में जाकर के पूंजी निवेश करेगा। उन राज्यों के नवजवानों का क्या होगा। महाराष्ट्र में जो लोग चुनाव लड़ने के लिए हमारे सामने हैं। शहजादे की भाषा को ये मानते हैं क्या। सारे निवेशक जो मिलने आते हैं वो कहते हैं कि उन राज्यों में हम नहीं जाएंगे, क्योंकि वहां हमारे विरोध की विचारधारा है। उद्योगपतियों को गालियां दी जाती हैं।
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