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अन्तर्राष्ट्रीय

निर्वाचन आयुक्त से मिलेंगे इमरान खान

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इस्लामाबाद | क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान मुख्य निर्वाचन आयुक्त न्यायमूर्ति सरदार मोहम्मद रजा खान से सोमवार को मुलाकात कर 2013 के आम चुनाव में हुई कथित धांधली पर चर्चा करेंगे। डॉन ऑनलाइन के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि पार्टी प्रमुख इमरान, न्यायमूर्ति रजा खान के दिसंबर 2014 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त होने के बाद पहली बार उनसे मिल रहे हैं।

पीटीआई के एक पदाधिकारी ने कहा कि इमरान चुनाव में हुई कथित धांधली, विशेषकर चार संसदीय सीटों का मुद्दा उठाएंगे। इनमें से एक संसदीय क्षेत्र वह है, जहां से नेशनल असेंबली के अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक ने इमरान को हराया था। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही चुनाव संबंधी लाहौर की एक अदालत ने इमरान की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने संसदीय क्षेत्र के रिकार्ड की जांच करने वाले आयोग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पीटीआई प्रमुख ने संसदीय क्षेत्र के कुछ निश्चित मतदान केंद्रों के रिकार्ड की दोबारा जांच कराने की मांग की थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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