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नागरिक समाज हमारे अभियान को नुकसान पहुंचा रहा : यासीन

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श्रीनगर। कश्मीरी अलगाववादी नेता मुहम्मद यासिन मलिक ने शनिवार को नागरिक समाज के सदस्यों पर आरोप लगाया कि वे निष्पक्षता की आड़ में कश्मीर आंदोलन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष ने कहा, “हमारे आंदोलन को हमारे बुद्धिजीवियों ने आंतरिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है, जिन्हें इसे मजबूत करना चाहिए था।”

मलिक ने कश्मीर नागरिक समाज के सदस्यों पर सांठगांठ और अवसरवादिता का आरोप लगाया। मलिक ने कहा, “ये लोग वैश्विक सम्मेलनों में शरीक होते हैं, मानवाधिकारों की बात करते हैं। यहां तक कि पाकिस्तान जाकर उन्हें सीख देते हैं कि आंदोलन कैसे चलाएं और फिर दिल्ली लौटकर भारतीय सरकार को बताते हैं कि संघर्ष से कैसे निपटें।”

वरिष्ठ अलगाववादी नेता आजम इंकलाबी की मां की शोक सभा में सवाल उठाते हुए मलिक ने कहा, “क्या यह सबसे बड़ा पाखंड नहीं है?” मलिक ने कहा, “हमारे समारोहों में वे आजादी समर्थक का नकाब ओढ़कर आते हैं। कई किशोर उनके भाषणों से उत्साहित होकर भारतीय सेनाओं पर पत्थर बरसाते हैं, जबकि कुछ अपने हाथों में बंदूकें थाम लेते हैं। लेकिन यह विडबंना ही है कि कुछ लोग सरकारी सम्मेलनों में हिस्सा लेने से गुरेज नहीं करते और छोटे प्रलोभनों के लिए सरकार के लोगों और मंत्रियों की शरण में जाते हैं।”

मलिक ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में 27,000 से ज्यादा पंजीकृत गैर सरकारी संगठन कार्यरत हैं। मलिक ने कहा, “हमारे शहीद सच्चे नायक हैं, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपनी जान गंवा दी। लेकिन हमारे बुद्धिजीवी और गैर सरकारी पेशेवरों का मकसद केवल अपना स्व गुणगान है।”

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जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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