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नरसिंह पर 4 साल का प्रतिबंध, रियो के लिए अयोग्य करार

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नरसिंह

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नरसिंह रियो डी जनेरियो| विश्व की सबसे बड़ी खेल अदालत-कोर्ट फॉर अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) ने गुरुवार को लम्बी सुनवाई के बाद भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को डोपिंग मामले में क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर विश्व डोपिंग निरोधी एजेंसी (वाडा) की अपील को स्वीकार कर लिया।

वाडा ने अपनी अपील में नरसिंह को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को गलत करार दिया था और उन पर प्रतिबंधित दवाओं के सेवन को लेकर चार साल का प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। अब जबकि सीएएस ने वाडा की अपील स्वीकार कर ली है, नरसिंह का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। वह अब रियो ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

रियो में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख राकेश गुप्ता ने सुनवाई के बाद आईएएनएस से कहा, “यह बेहद दुखद: और दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सुनवाई के अंतिम चरण तक आशान्वित थे। हमें उम्मीद थी कि नरसिंह को क्लीन चिट मिल जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं सका। यह बेहद दुखदाई है क्योंकि नरसिंह में पदक जीतने की क्षमता है।”

सीएएस के एडहॉक डिविजन ने गुरुवार को यहां वाडा की अपील पर सुनवाई के लिए बैठक की और उन पर चार साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। नाडा ने बीते महीने नरसिंह को प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के आरोपों से मुक्त किया था और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने नरसिंह को ओलम्पिक में हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान की थी।

नाडा ने कहा था कि नरसिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी की साजिश का शिकार हुए हैं लेकिन सीएएस ने इसे नकार दिया और अपने बयान में कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि नरसिंह ने जो किया है वह अनजाने में हुआ है और इन सबमें उनका कोई दोष नहीं है। ऐसे में उन पर तयशुदा चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है।

उल्लेखनीय है कि 25 जून और पांच जुलाई को लिए गए सैंपलों के आधार पर नाडा ने नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का आरोपी करार दिया था लेकिन नरसिंह ने कहा था कि उन्हें फंसाया गया है।

इसके बाद नाडा ने एक लम्बी सुनवाई के बाद नरसिंह को आरोपमुक्त कर दिया था। वाडा ने इसी के खिलाफ सीएएस में अपील की थी, कि आखिरकार डोप में फंसे एक खिलाड़ी के इस तरह कैसे क्लीन चिट दी जा सकती है, जबकि उसके पास पाक-साफ होने का कोई सबूत नहीं है।

वाडा ने ऐसे समय में नरसिंह को लेकर दिए गए नाडा के फैसले को लेकर सीएएस जाने का फैसला किया, जब उनके मुकाबले में दो दिन शेष रह गए थे।

सीएएस ने अपने बयान में कहा, “इस मामले को देख रही सीएएस की पैनल ने सभी पक्षों और उनके प्रतिनिधियों की दलीलें सुनीं। सभी पक्षों को इस बात की सूचना दे दी गई कि नरसिंह के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया गया है और नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध गुरुवार से मान्य हो गया है।”

सीएएस के इस बयान का मतलब है कि अब नरसिंह ओलम्पिक या किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में हिस्सा लेने के योग्य नहीं रह गए हैं। सीएएस ने साथ ही यह भी कहा कि 25 जून 2016 के बाद दर्ज नरसिंह के सभी प्रतियोगी परिणामों को रद्द किया जाता है।

नरसिंहयादव को शुक्रवार को 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल मुकाबले में फ्रांस के जेलिमखान खादिजेव से भिड़ना था और इसके लिए गुरुवार को दोनो खिलाड़ियों का वजन भी किया गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत भारत को ओलम्पिक कोटा दिलाने वाले नरसिंह नाडा द्वारा 25 जून को कराए गए डोप टेस्ट में असफल साबित हुए थे। नरसिंह ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया था और नाडा के सामने अपना पक्ष रखा था। नाडा ने लम्बी सुनवाई के बाद एक अगस्त को नरसिंह पर लगा अस्थायी प्रतिबंध हटा लिया था।

जुलाई में डोप टेस्ट में नाकाम होने के बाद नाडा ने नरसिंहयादव पर अस्थायी प्रतिंबध लगा दिया था। नरसिंह पर स्टेरॉयड के सेवन का आरोप साबित हुआ था। आउट ऑफ कम्पटीशन लिए गए उनके दोनों नमूनों में प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाए गए थे।

रियो ओलम्पिक में जाने के लिए अपने साथी खिलाड़ी और दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार से कानूनी जंग जीतने वाले नरसिंह को नाडा ने साजिश का शिकार बताया था।

नाडा ने कहा था कि नरसिह की छवि खराब करने की कोशिश की गई तथा संदेह का लाभ देते हुए उनसे प्रतिबंध हटाया गया है। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा था, “नरसिंह यादव की तरफ से किसी तरह की कोई गलती और लापरवाही नहीं बरती गई है। प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी द्वारा उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। नाडा की जांच पैनल का मानना है कि प्रतिबंधित पदार्थ का सिर्फ एक बार सेवन किया गया, जिसके संबंध में नरसिह को कोई जानकारी भी नहीं थी। इसस उनका दावा मजबूत होता है।”

इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने जोर देते हुए कहा था कि अगर नरसिंह को नाडा से हरी झंडी मिल जाती है तो वह उनके रियो जाने के लिए आगे की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।

74 किलोग्राम भारवर्ग में भारतीय कोटा बचाए रखने के लिए डब्ल्यूएफआई ने नरसिंह के स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर प्रवीण राणा को भेजा गया था। नरसिंह के आरोपमुक्त होने के बाद राणा को वापस बुला लिया गया था।

इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ ने नरसिंह को क्लीन चिट मिलने की जानकारी अंतराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ को दी, जिसने नरसिंह को रियो में खेलने की अनुमति दे दी लेकिन यहां वाडा द्वारा उठाए गए कदम को लेकर संशय बना हुआ था।

नाडा ने नरसिंह को लेकर वाडा को पूरी जानकारी दे दी थी और बहुत उम्मीद थी कि वाडा इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए सीएएस का दरवाजा खटखटाएगा। यह पूरी प्रक्रिया पहले ही हो जानी चाहिए थी लेकिन वाडा ने अंतिम समय में सीएएस जाकर सबको चौंका दिया। इस बीच सीएएस ने उसकी अपील को स्वीकार करते हुए नरसिंह और भारतीयों को मायूस कर दिया।

नेशनल

ओडिशा के ढेंकानाल में बोले पीएम मोदी, मैंने ओडिशा और देश की सुख समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद मांगा

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने ओडिशा के ढेंकानाल में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत जय जगन्नाथ और जय श्रीराम का उद्घोष कर के किया। पीएम मोदी ने 10 बजे सुबह में लोगों की इतनी बड़ी भीड़ आने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि मैं सुबह भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने गया था जहां हजारों लोगों की भीड़ आई थी। पीएम ने कहा कि भगवान जगन्नाथ हर किसी की आशा पूरी करते हैं। पीएम ने कहा कि मैनें ओडिशा और देश की सुख समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद मांगा है। पीएम मोदी ने रैली में आए बच्चों के बारे में कि जब 2047 में भारत विकसित होगा तब यही लोग देश चला रहे होंगे।

पीएम मोदी जनसभा में कहा कि चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देश के कोने-कोने में जाकर हालात का जायजा ले रहे हैं। भारत के लोकतंत्र के उत्सव का आनंद लेते हुए मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। हर कोई चकित है कि लोग तीसरी बार भी मोदी सरकार को वापस लाना चाहते हैं। इसमें हमारी माताओं और बहनों का योगदान सबसे ज्यादा है। ओडिशा के गांव-गांव, गली-गली में अब एक ही नारा गूंज रहा है। ओडिशा में पहली बार-डबल इंजन सरकार।

पीएम मोदी ने रैली में आए लोगों से कहा कि आपने 25 साल तक बीजद की सरकार पर भरोसा किया। लेकिन आज लोग इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि इतने सालों में ओडिशा को क्या मिला। आज भी यहां किसान परेशान हैं। युवा दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जा रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र जहां जल जंगल, जमीन है खनिज संपदा है, वहां सबसे ज्यादा बेहाली है। इन्हीं इलाकों से सबसे ज्यादा पलायन होता है।

पीएम मोदी ने कहा कि इतने समृद्ध ओडिशा में जनता इतनी गरीबी में जीने के लिए मजबूर क्यों है। पीएम ने कहा कि मैं सोमनाथ की धरती से जगन्नाथ की धरती को प्रणाम करने आया हूं। लेकिन मैं ओडिशा की गरीबी को देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है। पीएम ने कहा कि इतना समृद्ध प्रदेश, इतनी महान विरासत, मेरे ओडिशा को किसने तबाह-बर्बाद किया। किसने इसके युवाओं के सपनों को कुचल डाला। ये बातें बहुत तकलीफ देती है। पीएम ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह है बीजू जनता दल की सरकार जो पूरी तरह भ्रष्टाचारियों के कब्जे से घिरी हुई है। पीएम ने कहा कि मुट्ठी भर भ्रष्टाचारी सीएम आवास पर कब्जा कर के बैठे हैं। बीजद के छोटे-छोटे नेता करोड़ों के मालिक बन गए हैं। पीएम ने कहा कि ओडिशा की बीजद सरकार ने यहां की खनिज संपदा का फायदा लोगों को नहीं मिलने दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में पीएम बनने के बाद मैंनें नई खनन नीति बनाई। इसके तहत ओडिशा को ज्यादा रॉयल्टी मिलती है। हमने नियम बनाया कि खनिज की कमाई का एक हिस्सा यहीं रहे और लोगों के विकास में लगे। हमने ओडिशा को मिनरल फंड के तहत 26 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। पीएम ने कहा कि ये पैसे ढेंकनाल में बच्चों के स्कूल, गांव की सड़कों के लिए खर्च होने थे। लेकिन बीजेडी की सरकार ने इसमें भी भ्रष्टाचार किया।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेडी के राज में ओडिशा की न तो संपदा सुरक्षित है और न ही सांस्कृतिक धरोहर। बीजेडी सरकार के कारण जगन्नाथ मंदिर भी सुरक्षित नहीं है। बीते 6 साल से श्री रत्न भंडार की चाबी का अता-पता नहीं है। जब हमारे घर की चाबी खो जाती है तो हम भगवान जगन्नाथ से मदद मांगते हैं और चाबी हमें मिल जाती है। लेकिन यहां 6 साल से रत्न भंडार की चाबी खो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि इसके पीछे बीजेडी सरकार और सीएम को घेरा डाल कर बैठे लोग जिम्मेदार हैं। पूरा ओडिशा जानना चाहते है कि जो जांच हुई थी उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो रिपोर्ट ही दबा दी है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेडी की खामोशी के कारण लोगों का शक गहरा रहा है। पीएम ने कहा कि मैं आज ओडिशा के लोगों को गारंटी देता हूं कि भाजपा की सरकार उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी। इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पीएम ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की सबसे बड़ी सेवा उसी समय से शुरू हो जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा का तेज विकास ओडिशा की मिट्टी की संतान ही कर पाएगी। इसलिए मोदी ने गारंटी दी है कि आप यहां भाजपा की सरकार बनाइए और भाजपा ओडिशा के बेटे या बेटी को ही ओडिशा का मुख्यमंत्री बनाएगी। पीएम ने कहा कि मैनें पहले से ही शपथ ग्रहण की तारीख बता दी है। मैं सभी को निमंत्रण देने आया हूं कि 10 जून को ओडिशा में भाजपा की डबल इंजन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। पीएम मोदी ने कहा कि बीजद सरकार का जाना तय है।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के ओडिशा को विकास की रफ्तार चाहिए जो बीजेडी सरकार किसी भी हालत में नहीं दे सकती। इस शताब्दी का अब तक पूरा हिस्सा लोग बीजेडी को दे चुके हैं। अब समय आ चुका है कि लोग बीजेडी की ढ़ीली सरकार को छोड़कर भाजपा की सरकार चुने। पीएम मोदी ने कहा कि बीते लंबे समय से ओडिशा में सिंचाईं परियोजनाएं लटकी पड़ी हैं। आपने अगर मोदी को अवसर दिया तो हम इसे पीएम कृषि सिंचाई योजना में लाएंगे। ओडिशा में 8 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 5 को मोदी सरकार पूरा कर चुकी है। लेकिन बीजद की सरकार के ज्यादातर प्रोजेक्ट आज भी अधूरे हैं।

पीएम ने कहा कि ओडिशा के किसानों के साथ भी हमेशा से विश्वासघात हुआ है। ओडिशा का किसान साल में धान की एक फसल मुश्किल से उगाता है। लेकिन किसान को 2200 रुपये को घोषित एमएसपी भी उन्हें नहीं मिलता। बीजेडी के नेता धान किसानों को मंडी में लूटते हैं। पीएम ने रैली में आए लोगों से कहा कि आप हर किसान से जाकर मिलें और उन्हें बताए कि अगर यहां भाजपा की सरकार बनेगी तो ओडिशा में भी छत्तीसगढ़ की तरह धान का एमएसपी 3100 रुपये होगा। 48 घंटे के अंदर में ही धान का ये पैसे उनके खाते में चला जाएगा। इसके अलावा जो तोलने के बहाने जो कंटनी-छंटनी होती है और किसानों के लूटा जाता है उससे मुक्ति के लिए मंडियों में इलेक्ट्रिक मशीन लगाई जाएगी।

पीएम ने कहा कि बीजेडी सरकार का पहली बार इस तरह कच्चा-चिट्ठा देश के सामने आ रहा है। आदिवासी अधिकारों को लेकर भी ओडिशा की बीजद सरकार लापरवाह है। केंद्र सरकार ने वन-धन योजना शुरू की है। जिसके तहत वन उत्पादों की खरीद एसएसपी पर होती है। ओडिशा में 175 केंद्र खुले हैं। इनमें 80 से ज्यादा वन उत्पादों की खरीद एमएसपी पर होती है। लेकिन बीजद सरकार वन उपज पर एमएसपी नहीं देती। वह यहां आदिवासियों के लिए पेसा कानून लागू नहीं करती जिस कारण आदिवासियों के भूमि अधिकार की समस्या ज्यों की त्यों है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजद सरकार के कारण माताओं बहनों का घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि वह दिल्ली से मुफ्त चावल के लिए पैसे भेजते हैं। लेकिन बीजेडी के लोग उसपर अपना चेहरा लगाकर बेच देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ओडिशा की महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना शुरू करेंगे जो काफी मददगार होगी।

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