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राहुल, चिदंबरम ने नकदी निकालने की सीमा हटाने की मांग की

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नई दिल्ली | कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और बैंकों और एटीएम से नकदी निकालने की साप्ताहिक सीमा तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि 30 दिसंबर की समय सीमा गुजर जाने के बाद भी पैसे निकालने की सीमा निर्धारित क्यों है?

राहुल ने ट्वीट कर कहा, “बैंकों और एटीएम से सप्ताह में पैसा निकालने की सीमा समाप्त होनी चाहिए।” राहुल ने एक अन्य ट्वीट में तस्वीर साझा करते हुए मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी नोटबंदी के पीड़ितों को मुआवजा दे। राहुल ने सरकार से गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की।

उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को आयकर और बिक्री कर में 50 फीसदी की छूट दी जानी चाहिए। चिदंबरम ने मोदी पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने लोगों से 30 दिसंबर तक धैर्य रखने को कहा था। अब यह समय सीमा समाप्त हो गई है तो पैसे निकालने की सीमा पर प्रतिबंध क्यों लगा है?”

उन्होंने कहा, “क्या सभी एटीएम दो जनवरी से सुचारु ढंग से काम करेंगे और उनमें पर्याप्त नकदी होगी? यदि नहीं, तो क्यों?” चिदंबरम ने पूछा, “क्या मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अब अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा? क्या दो जनवरी के बाद घूस ली या दी नहीं जाएगी?” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को उसी दिन मध्यरात्रि से अवैध घोषित कर दिया था और इससे उपजे नकदी संकट को दूर करने के लिए 50 दिनों का समय मांगा था।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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