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देश की पहली ‘एयर डिस्पेंसरी’ पूर्वोत्तर क्षेत्र में : जितेन्द्र

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)| देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही प्रथम ‘एयर डिस्पेंसरी’ स्थापित की जाएगी, जो एक हेलीकॉप्टर में होगी। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्रालय ने इस पहल के लिए आरंभिक वित्त पोषण के एक हिस्से के रूप में 25 करोड़ रुपये का योगदान पहले ही कर दिया है। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय इस तरह के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर आधारित डिस्पेंसरी/ओपीडी सेवा सुलभ कराने की संभावनाएं तलाश रहा था।

उन्होंने कहा कि ऐसे सुदूरवर्ती क्षेत्रों में यह सेवा उपलब्ध कराई जाएगी, जहां कोई भी डॉक्टर या चिकित्सा सुविधा सुलभ नहीं होती है और जरूरतमंद मरीजों को किसी भी तरह की चिकित्सा सेवा नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है और यह अब केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय में अनुमोदन के अंतिम चरण में है।

सिंह ने विमानन क्षेत्र और हेलीकॉप्टर सेवा/पवन हंस के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कहा कि केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय इस प्रस्ताव को गंभीरता के साथ आगे बढ़ा रहा है, ताकि वर्ष 2018 के आरंभ में यह केन्द्र सरकार की ओर से पूर्वोत्तर क्षेत्र की आम जनता को एक अनुपम उपहार के रूप में प्राप्त हो सके।

सिंह ने कहा कि आज भी भारत की लगभग एक तिहाई आबादी को अस्पतालों में समुचित ढंग से बिस्तर उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिसके चलते दूरदराज के इलाकों में रहने वाले निर्धन मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सेवा सुलभ नहीं हो पाती है।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की पहल पर पूर्वोत्तर क्षेत्र में किए जा रहे इस प्रयोग को अन्य पहाड़ी राज्यों जैसे कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर में भी अपनाया जा सकता है।

सिंह ने कहा, आरंभ में इस योजना के तहत हेलिकॉप्टर को दो स्थलों यथा मणिपुर के इम्फाल और शिलांग के मेघालय में अवस्थित किया जाएगा। इन दोनों ही शहरों में प्रमुख स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान हैं, जहां के विशेषज्ञ डॉक्टर आवश्यक उपकरणों एवं सहायक कर्मचारियों के साथ हेलिकॉप्टर के जरिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी आठों राज्यों के विभिन्न स्थानों पर पहुंच कर डिस्पेंसरी/ओपीडी सेवा मुहैया करा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि वापसी के दौरान उसी हेलीकॉप्टर से जरूरतमंद मरीज को शहर में लाकर संबंधित अस्पताल में भर्ती भी कराया जा सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अन्य नई हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध कराने की योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आरंभ में इम्फाल, गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ के आसपास अवस्थित क्षेत्र में छह मार्गों पर दोहरे इंजन वाले तीन हेलिकॉप्टरों का परिचालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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नेशनल

राजकोट गेम जोन अग्निकांड : फरार चल रहा चौथा आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, पुलिस ने 7 लोगों पर दर्ज किया है केस

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राजकोट। गुजरात के टीआरपी गेम जोन अग्निकाण्ड हादसे में फरार चल रहे एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड से हुई है। इस प्रकार अब तक मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने घटना में सात लोगों पर केस दर्ज किया है। गुजरात पुलिस को सूचना मिली थी कि हादसे से जुड़ा आरोपी राजस्थान में हो सकता है।

सोमवार रात करीब आठ बजे पालनपुर (गुजरात) की लोकल क्राइम ब्रांच की टीम ने आबूरोड शहर पुलिस की मदद से सदर बाजार स्थित कपड़े की एक दुकान पर दबिश दी और यहां से आरोपी धवलभाई पुत्र भरतभाई ठक्कर को हिरासत में लिया। उसे सिटी थाने लाया गया और यहां से पालनपुर क्राइम ब्रांच की टीम उसे लेकर राजकोट रवाना हो गई।

गौरतलब है कि राजकोट में अवैध रूप से संचालित गेम जोन में लगी भीषण आग से 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में घायल कई लोग अब भी अस्पताल में जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। गुजरात पुलिस ने मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरण, राहुल राठौड़, युवराज सिंह सोलंकी और मैनेजर नितिन जैन शामिल हैं।

पुलिस से तीन आरोपियों युवराज, राहुल और नितिन जैन को हादसे के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें सोमवार को कोर्ट पेश किया गया। कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश है। पुलिस को आशंका है कि आरोपी गुजरात से सटे राजस्थान में जा सकते हैं। इसलिए दोनों राज्यों की बॉर्डर से लगते थानों में अलर्ट किया गया है।

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