अन्तर्राष्ट्रीय
द्विपक्षीय समस्याओं से दक्षेस सम्मलेन बाधित न हो : पाकिस्तान
इस्लामाबाद | पाकिस्तान ने दक्षेस सम्मेलन के जल्द ही आयोजित होने की उम्मीद जताई है। इसे पिछले साल नवंबर में भारत और अन्य पड़ोसी देशों के बहिष्कार के बाद रद्द कर दिया गया था। पाकिस्तान ने आग्रह किया कि सदस्य देशों की आंतरिक और बाहरी समस्याओं से संगठन प्रभावित नहीं होना चाहिए।
पाकिस्तान की विदेश नीति प्रमुख सरताज अजीज ने शुक्रवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के निवर्तमान महासचिव अर्जुन बहादुर थापा के साथ बैठक में कहा, “पाकिस्तान नवंबर में 19वें दक्षेस सम्मेलन में सदस्य देशों का स्वागत करने को लेकर आश्वस्त था, लेकिन भारत द्वारा प्रक्रिया बाधित करने और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन करने के बाद इसे रद्द कर दिया गया।”
अजीज ने इस्लामाबाद में जल्द से जल्द 19वें दक्षेस सम्मेलन की मेजबानी की प्रतिबद्धता जताई, ताकि संगठन के तहत क्षेत्रीय सहयोग के उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सके।
दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल के मुताबिक, भारत बाद बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान और श्रीलंका द्वारा भी सम्मेलन का बहिष्कार किए जाने की वजह से सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था।
थापा ने संगठन के समक्ष मुश्किलों एवं चुनौतियों से निपटने पर जोर देते हुए सम्मेलन के जल्द आयोजन की उम्मीद जताई।
कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर को भारतीय सैन्य शिविर पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास बढ़ी, जिसके बाद इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ बताकर विरोधस्वरूप भारत ने दक्षेस सम्मेलन का बहिष्कार करने का फैसला किया।
उड़ी हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
-
लाइफ स्टाइल12 hours ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल3 days ago
केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा
-
नेशनल2 days ago
बाराबंकी के हैदरगढ़ में बोले CM योगी- ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच
-
नेशनल3 days ago
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी
-
मनोरंजन3 days ago
आ गई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट, सनी देओल के साथ आयुष्मान खुराना भी आएंगे नजर
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- वोट डालने से किसी को रोका तो
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
पीएम मोदी के नामांकन से पहले अमित शाह और सीएम योगी पहुंचे वाराणसी, तैयारियों का लिया जायजा
-
नेशनल2 days ago
‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान