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मुख्य समाचार

तस्कर-पुलिस सांठगांठ एक खुला रहस्य : स्वाती मालीवाल

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नई दिल्ली| दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की नवनियुक्त अध्यक्ष स्वाती मालीवाल का कहना है कि दिल्ली में महिलाओं की तस्करी में पुलिस से सांठगांठ एक ‘खुला रहस्य’ है। उन्होंने कहा कि यौनकर्मियों का पुनर्वास उनकी कार्यसूची में सबसे शीर्ष पर है।

स्वाती दिल्ली महिला आयोग की सबसे युवा अध्यक्ष हैं। हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने वेश्यावृत्ति को दुष्कर्म के बराबर माना है। उनकी इस बात का विरोध भी हो रहा है।

आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में स्वाती ने कहा, “यौनकर्मी यह काम अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि मजबूरी में कर रही हैं। अगर उन्हें अच्छे भविष्य का अवसर विकल्प के रूप में मिले, तभी ऐसी महिलाएं देहव्यापार को छोड़कर सशक्त बन पाएंगी।”

स्वाती ने आईएएनएस से कहा कि वह राजनीति से परे हटकर काम करेंगी। उनके साथ बातचीत के मुख्य अंश :

– एमनेस्टी इंटरनेशनल यौन कार्य को मानवाधिकार के रूप में घोषित करने की योजना बना रहा है। यह किस तरह से दिल्ली के रेड लाइट एरिया, जीबी रोड पर लागू होता है?

जीबी रोड संसद से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन इन महिलाओं की दुर्दशा की फिक्र किसी को नहीं है। मेरे दौरे के बाद यौनकर्मियों का एक समूह आया और उन्होंने कहा कि वह इस धंधे से निकलना चाहती हैं। निर्मल छाया कोई विकल्प नहीं है। अगर हम 50 महिलाओं का पुर्नवास करते हैं, तभी यह संदेश पहुंचेगा कि हम इस बारे में गंभीर हैं। इसमें नाबालिग लड़कियों की तस्करी को रोकने जैसे अन्य मुद्दे भी शामिल हैं।

-प्रशासन के लोग और यहां तक कि पुलिस भी रिकार्ड के बाहर अक्सर यह कहती है कि वेश्यावृत्ति ‘सभ्य महिलाओं’ के साथ दुष्कर्म की घटना पर रोक लगाती है। क्या जीबी रोड में नाबालिगों की तस्करी बिना पुलिस की सांठगांठ के चल रही है?

मैं कड़े रूप में इस मानसिकता की निंदा करती हूं। यौनकार्यो के लिए लड़कियों की तस्करी का सबसे बड़ा कारण गरीबी है। जो भी लोग इस गलत धंधे से जुड़े होते हैं, उनकी पुलिस से सांठगांठ रहती है। यह एक खुला रहस्य है। लेकिन अगर आप इन वेश्यालयों को बंद कर देंगे, तब ये महिलाएं कहां जाएंगी? समाज उन्हें स्वीकारेगा नहीं, जाहिर है ये फिर से वेश्यावृत्ति में धकेली जा सकती हैं।

-डीसीडब्ल्यू को हमेशा ही बिना दांत का शेर कहा गया है। आप इस धारणा को कैसे बदलेंगी?

दांत बहुत जरूरी होते हैं। लेकिन मैं इसको ज्यादा तरजीह नहीं दे रही हूं। इसका कारण यह है कि अभी तक डीसीडब्ल्यू में कोई भी काम नहीं हुआ है। वर्तमान के डीसीडब्ल्यू की धारणा साफ है- दौरे करना, सरकार से सिफारिशें, महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर स्वप्रेरणा से संज्ञान लेना, समितियों की शुरुआत करना। मैं व्यवस्था में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं।

-आपने आप विधायक सोमनाथ भारती, भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी और कांग्रेस सांसद गुरुदास कामत द्वारा किए गए लैंगिक टिप्पणियों के खिलाफ ट्वीट किया था। राजनीति में महिलाओं के प्रति सम्मान के बारे में क्या कहना है?

यह मायने नहीं रखता कि आप किस पार्टी से हैं, फिर चाहे सोमनाथ भारती हों या कामत, वे निर्वाचित सदस्य हैं और 50 प्रतिशत मतदाता महिलाएं हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद में ये सब टिप्पणियां की गईं। अध्यक्ष को कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्हें महिलाओं का सम्मान और उनके साथ सही लहजे में बात करने के बारे में सीखने की जरूरत है। कम से कम इतना तो वे कर ही सकते हैं।

 

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नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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