Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ट्विटर पर लैंगिक भेदभाव का आरोप

Published

on

ट्विटर, कोर्टहाउसन्यूज डॉट कॉम, न्यूयार्क, टिना हुआंग, कैलिफोर्निया,

Loading

न्यूयार्क| पूरी दुनिया में सोशल नेटवर्किं ग के क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हो चुके ट्विटर के कार्यालय में क्या महिलाओं के प्रति भेदभाव का रवैया है? ट्विटर की एक पूर्व कर्मचारी का दावा है कि हां ऐसा है। टिना हुआंग के लिंकेडिन प्रोफाइल के अनुसार वह अक्टूबर 2009 से जून 2014 के बीच ट्विटर के लिए काम कर चुकी हैं। हुआंग ने ट्विटर के खिलाफ कैलिफोर्निया की प्रांतीय अदालत में लैंगिक भेदभाव का मुकदमा दर्ज करवाया है। हुआंग का आरोप है कि ट्विटर में गैरकानूनी तरीके से पुरुषों के पक्ष में तैयार की गई एकपक्षीय प्रोन्नति नीतियों के कारण महिला कर्मचारियों को प्रोन्नति के अवसर नहीं दिए जाते।

वेबसाइट ‘कोर्टहाउसन्यूज डॉट कॉम’ पर प्रसारित रपट में हुआंग के शिकायतनामा के हवाले से कहा गया, “कंपनी (ट्विटर) में प्रोन्नति की प्रणाली ऐसी है जो महिलाओं की तरक्की में बाधक है, जिसे किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य के तहत तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता।” हुआंग ने अपनी शिकायत में कहा है कि कई वर्षो तक कंपनी के साथ काम करने के बाद सहकर्मियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा उनके काम को उत्कृष्ट मानने के बावजूद उन्हें 2013 में प्रोन्नति नहीं दी गई। इतना ही नहीं हुआंग की उनके कार्यकाल के दौरान न तो किसी तरह की अलोचना हुई थी और न ही उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक मामला ही था।

हुआंग के मुकदमे के जवाब में ट्विटर के प्रवक्ता ने ‘टेकक्रंच’ को दिए अपने वक्तव्य में कहा है, “हुआंग ने स्वेच्छा से नौकरी छोड़ी, जबकि हमारे शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें बने रहने के लिए मनाने की कोशिश भी की।” उन्होंने कहा, “उन्हें नौकरी से निकाला नहीं गया। ट्विटर विविधतापूर्ण एवं समन्वयकारी काम का माहौल निर्मित करने के प्रति कटिबद्ध है, और मुझे पूरा विश्वास है कि तथ्य इसे साबित करेंगे कि हुआंग के साथ उचित व्यवहार किया गया।”

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending