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अन्तर्राष्ट्रीय

एमएच370 विमान के पीड़ित की विधवा ने एयरलाइंस पर ठोंका मुकदमा

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मेलबर्न। मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान एमएच370 में सवार चीनी मूल के एक आस्ट्रेलियाई कारोबारी की विधवा ने एयरलाइंस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। महिला ने दावा किया है कि ऐसा हो सकता है कि चालक दल के सदस्यों ने ही विमान को गायब करने की साजिश रची हो।महिला  ने मलेशियाई विमान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए अपने पति चोंग लिंग तान की ‘मौत’ के लिए 1,15,000 डॉलर का हर्जाना मांगा है।

जेनिफर ने बुधवार देर रात यह दावा किया। जेनिफर ने कानूनी दस्तावेजों में कहा कि मलेशिया एयरलाइंस को अपने चालक दल के सदस्यों की गतिविधियों के लिए जवाबदेह होना चाहिए। जेनिफर ने अदालत में जमा कराए दस्तावेजों में कहा, “अपने कर्तव्यों के उल्लंघन की वजह से विमान लापता हो गया और उसके दुर्घटनाग्रस्त होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस वजह से मृतक के बच्चों और उस पर निर्भर लोगों को भारी नुकसान हुआ है।”

उनका कहना है कि एयरलाइंस का चालक दल विमान को सुरक्षित उतारने में असफल रहा। उन्होंने अपने पति की मौत से स्वयं और अपने दोनों बेटों को पहुंचे दुख और सदमे के लिए हर्जाना मांगा है।जेनिफर ने इन दस्तावेजों में यह भी कहा है कि ऐसी भी संभावना है कि चालक दल के किसी सदस्य ने जानबूझकर विमान की दिशा बदल दी हो, जिस वजह से यह समुद्र में जा गिरा।

गौरतलब है कि कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा मलेशिया एयरलाइंस का एमएच370 विमान आठ मार्च 2014 को लापता हो गया था। विमान में 239 लोग सवार थे, जिनमें 227 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य शामिल थे।मलेशिया सरकार ने आधिकारिक तौर पर जनवरी 2015 में इस हादसे में किसी के भी जीवित नहीं की पुष्टि की थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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